UP: सुभासपा भाजपा के साथ लड़ेगी लोकसभा चुनाव 2024, दिल्ली में अमित शाह संग बैठक के बाद गठबंधन का एलान
UP: सुभासपा भाजपा के साथ लड़ेगी लोकसभा चुनाव 2024, दिल्ली में अमित शाह संग बैठक के बाद गठबंधन का एलान
ओपेनहाइमर के साथ थी कई महान वैज्ञानिकों की एक टीम
हॉलीवुड फिल्म 'ओपेनहाइमर' साल 2023 में रिलीज होने वाली है। इस फिल्म का नाम जब से सामने आया है, हर कोई बेसब्री से इसे देखने का इंतजार कर रहा है। क्रिस्टोफर नोलन की यह बहुप्रतीक्षित फिल्म ओपेनहाइमर 21 जुलाई को रिलीज होगी। क्या आपको पता है ये फिल्म इतनी खास क्यों है?
आपको बता दें कि यह फिल्म अमेरिकी सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर के जीवन और उनके व्यक्तित्व से जुड़ी हुई है। ये वही शख्स हैं, जिन्होंने परमाणु बम बनाने में अपना योगदान देकर दुनियां में क्रांति ला दी थी।
ओपेनहाइमर के साथ थी कई महान वैज्ञानिकों की एक टीम
न्यू मैक्सिको में लॉस एलामोस प्रयोगशाला के निदेशक के रूप में, ओपेनहाइमर ने 'मैनहट्टन प्रोजेक्ट' का नेतृत्व किया था। ये वही प्रोजेक्ट था, जिसका काम परमाणु बम बनाना था। ओपेनहाइमर के साथ कई महान वैज्ञानिकों की एक टीम थी, जिन्होंने युद्ध के उद्देश्यों के लिए नाजी जर्मनी से पहले परमाणु बम का निर्माण करने का मकसद बनाया था।
इस प्रोजेक्ट की शुरुआत भले ओपेनहाइमर ने की लेकिन यह प्रोजेक्ट महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन के कहने पर शुरू किया गया था। उधर जर्मनी परमाणु बम बनाने में लगा हुआ और आइंस्टाइन का मानना था, कि अगर जर्मनी ने परमाणु बम पहले बना लिया, तो वह सब कुछ तहस-नहस कर देगा। इसलिए महान भौतिकी विज्ञानिक जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर, जो परमाणु को लेकर रिसर्च कर रहे थे। उन्हें इस प्रोजेक्ट को लीड करने को कहा गया।
ओपेनहाइमर की देख-रेख में पहला एटम बम परीक्षण सोमवार के दिन 16 जुलाई 1945 को अमेरिका में किया गया था। पहले परमाणु बम का परीक्षण लॉस एलामोस से लगभग 340 किमी दक्षिण में किया गया था। इस परीक्षण को 'ट्रिनिटी टेस्ट' के रूप में जाना जाता है।
यह परीक्षण सफल हुआ और लगभग एक महीने से भी कम समय के बाद, अमेरिका ने जापानी शहरों को टारगेट किया। पहले 6 अगस्त 1945 को हिरोशिमा पर और फिर 9 अगस्त 1945 में नागासाकी पर को दो परमाणु बम गिराए। ये बेहद भयावह और खतरनाक अटैक था, जो आजतक इतिहास के काले पान्नो पर दर्ज है।
इन परमाणु बमों ने दोनों शहरों में विनाशकारी तबाही मचाई। आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि परमाणु अटैक में लगभग 2 लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे। सबसे खतरनाक बात तो यह है कि आज तक परमाणु बम का असर इन शहरों पर काले साए की तरह छाया हुआ है और नई नश्लें इसके परिणाम को झेल रही हैं।
परमाणु बम के परीक्षण सिलसिला थमा नहीं इसके बाद तत्कालीन सोवियत संघ ने 1949 में अपने पहले परमाणु बम का परीक्षण किया और फिर ब्रिटेन ने 1952 में, फ्रांसीसियों ने 1960 में परमाणु बम की आजमाईश की और चीनियों ने परमाणु बम का 1964 में परीक्षण कर लिया। हर बीतते समय के साथ परमाणु बमों और भी ज्यादा पावरफुल होता गया और इसके परिणाम और भी ज्यादा विनाशकारी होते चले गए।
ओपेनहाइमर विनाशकारी परमाणु बम को अस्तित्व ने लाने वाले तो बन गए लेकिन उन्हें अपने इस आविष्कार को लेकर बाद में खेद हुआ। रॉबर्ट ओपेनहाइमर परमाणु बम के परिणाम को देखकर मानवता को उसके विनाश के लिए संभावित साधन प्रदान करने के लिए खुद को जिम्मेदार मानते रहे। उन्होंने भगवद गीता के दर्शन में अपने कार्यों का अर्थ खोजना शुरू किया।
उन्होंने पहली बार 1965 में, परमाणु बम के पहले विस्फोट पर बोलते हुए, भगवद गीता का हवाला दिया। उन्होंने कहा, "विष्णु (कृष्ण) राजकुमार (अर्जुन) को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि उसे अपना कर्तव्य करना चाहिए और उसे प्रभावित करने के लिए [वह] अपना बहु-सशस्त्र रूप धारण करते हैं और कहते हैं, 'अब, मैं मृत्यु बन गया हूं, दुनिया का विनाशक।
नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए Facebook, Instagram Twitter पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज के लिए हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब करें।
UP: सुभासपा भाजपा के साथ लड़ेगी लोकसभा चुनाव 2024, दिल्ली में अमित शाह संग बैठक के बाद गठबंधन का एलान
होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे पर एक्शन को लेकर दुविधा में शासन, फारेंसिक रिपोर्ट का इंतजार यूपी में महिला पीसीएस अधिकारी और होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे की लव स्टोरी सुर्खियों में है। इस मामले में महिला पीसीएस अधिकारी के पति ने हत्या का षड्यंत्र रचे जाने सहित कई आरोप लगाये हैं। इन
प्रेमिका की उसके ही घर में गोली मारकर हत्या कर दी। कुछ देर बाद प्रेमिका के घर के बाहर आकर खुद को भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली
Leave a Comment: