इस कहावत के अनुसार यदि सावन में लगातार पूर्वी हवा चले तो खेती कमजोर होती है। प्रदेश में इस बार यही हो रहा है। इसके कारण बारिश कम हो रही है और किसानों की धड़कने बढ़ रही हैं।
सावन मास चले पुरवैया, बैल बेच ले आओ गैया।’ प्राचीन भारत के मौसमविद कहे जाने वाले घाघ की कहावत इस बार प्रदेश में सटीक बैठक रही है। इस कहावत के अनुसार यदि सावन में लगातार पूर्वी हवा चले तो खेती कमजोर होती है। प्रदेश में इस बार यही हो रहा है। इसके कारण बारिश कम हो रही है और किसानों की धड़कने बढ़ रही हैं।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस सावन के 15 दिन गुजर चुके हैं और इनमें से दस से ज्यादा दिन पूर्वी या दक्षिणी-पूर्वी हवा चली है। जुलाई की बात करें तो भी मौसम विभाग के आंकड़े भी इसकी पुष्टि कर रहे हैं। जुलाई के शुरुआती 27 दिनों में 11 दिन पूरब दिशा से हवा चली है। 06 दिन पश्चिम से, 4 दिन सुबह पूर्वी और शाम को पश्चिमी हवा, 4 दिन दक्षिण दिशा से और 2 दिन सुबह उत्तरी और शाम को दक्षिणी हवाएं चली हैं।
औसतन आधे से भी कम बारिश
मौसम विभाग के आंकड़े कहते हैं कि प्रदेश में 01 जून से अब तक 148.4 मिमी औसत वर्षा हुए। यह सामान्य वर्षा 313.2 मिमी के सापेक्ष मात्र 47 प्रतिशत है। ऐसे में सूखे की आशंका खड़ी हो गई है। कई जिले तो ऐसे हैं जहां इस बार के औसत से बेहद कम बारिश हुई है। 51 जिले ऐसे हैं जहां जून से जुलाई आधे माह तक 40 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई थी। कौशांबी तो पांच प्रतिशत भी बारिश नहीं हो पाई है। कई जिलों में बाढ़ की भी स्थिति है लेकिन वह दूसरे राज्यों में हुई बारिश से नदियों में आए पानी के कारण हुआ है।
30 प्रतिशत धान की पैदावार कम होना तय
बारिश न होने का बुरा प्रभाव खेती पर पड़ रहा है। आगे भी यही हाल रहा तो विकट समस्या पैदा हो जाएगी। अब तक जो बारिश हुई वह छुटपुट हुई। यदि अब भी लगातार बारिश हो जाए तो भी धान के उत्पादन 30 प्रतिशत तक की गिरावट तय है। - डॉ. ओपी वर्मा, वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र सोहना, सिद्घार्थनगर
जल शक्ति विभाग कर रहा सूखे से निपटने की तैयारी
जल शक्ति विभाग सूखे की आशंका के मद्देनजर इससे निपटने की तैयारी कर रहा है। जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने निर्देश दिए हैं कि सभी नहरों में ज्यादा से ज्यादा पानी छोड़ा जाए। टेल तक पानी पहुंचाया जाए ताकि किसानों को परेशानी न हो। नलकूपों को भी सही ढंग से चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
63 प्रतिशत एरिया में ही धान की बोआई
हमने सिंचाई विभाग को पत्र लिखा है कि नहरों में पानी भरपूर रखें। वैसे अभी कुछ बारिश हुई तो हम मुश्किल से बाहर निकल रहे हैं। किसानों ने भी 66 लाख हेक्टेयर में धान की बोआई कर दी है। 63 प्रतिशत एरिया कवर हो गया है। उम्मीद है कि बारिश होगी तो हम सूखे की चपेट में आने से बच जाएंगे। - सूर्य प्रताप शाही, कृषि मंत्री
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