देश की रक्षा ताकत को और अधिक मजबूत करने के लिए DRDO ने एक और बड़ा कदम उठाया है. अब पिनाका रॉकेट सिस्टम को और ज्यादा घातक बनाया जा रहा है. इसका नया वर्जन पिनाका-IV 300 किलोमीटर दूर तक सटीक हमला कर सकेगा और दुश्मन की एयर डिफेंस को चकमा भी देगा.
पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर भारतीय सेना में पहले से शामिल है. इसे कारगिल युद्ध के बाद सेना के तोपखाने में शामिल किया गया था. पहले पिनाका की रेंज करीब 40 किलोमीटर थी, फिर इसे बढ़ाकर 90 किलोमीटर तक किया गया, आगामी पिनाका Mk-III 120 किमी तक दुश्मन पर वार करेगा. ऑपरेशन सिंदूर के बाद DRDO इसे अगले स्तर पर ले जाकर 300 किलोमीटर रेंज तक पहुंचा रहा है. जिससे यह टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइलों का किफायती विकल्प बनेगा.
कम खर्च में अधिक कारगर
DRDO इस नए सिस्टम को पुणे स्थित आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ARDE) और प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर बना रहा है. इसके पीछे मकसद है कि कम खर्च में ज्यादा दूरी तक दुश्मन के ठिकानों पर सटीक वार किया जा सके. पिनाका-IV का 300 मिमी कैलिबर, पहले के 214 मिमी वेरिएंट्स से बड़ा होगा, जिससे इसमें ज्यादा प्रोपेलेंट और करीब 250 किलोग्राम वारहेड ले जाने की क्षमता होगी, जो इसकी विनाशक शक्ति को और बढ़ाएगा.
प्रलय मिसाइल से ली गई तकनीक
पिनाका-IV में DRDO ने अपनी प्रलय मिसाइल से प्रेरणा ली है. प्रलय मिसाइल की खासियत यह है कि यह दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देकर लक्ष्य पर वार करती है. ठीक उसी तरह पिनाका-IV भी हवा में दिशा बदल सकेगा और दुश्मन के रडार को गुमराह कर देगा. इससे S-400 या HQ-9 जैसे बड़े एयर डिफेंस सिस्टम भी इसे पकड़ नहीं पाएंगे. सूत्रों के मुताबिक इसमें एडवांस गाइडेंस सिस्टम होगा, जिससे यह 10 मीटर के अंदर सटीक टारगेट को हिट कर सकेगा. इसमें भारतीय सेटेलाइट सिस्टम IRNSS और GPS का भी इस्तेमाल होगा. खास बात यह है कि GPS जाम होने पर भी यह अपना काम कर सकेगा.
पाकिस्तान की फातह-II को मिला मुंहतोड़ जवाब
हाल ही में पाकिस्तान ने दिल्ली की तरफ फातह-II गाइडेड रॉकेट लॉन्च किया था, जिसकी रेंज 400 किलोमीटर बताई जा रही थी. लेकिन भारत की MR-SAM (बराक-8) मिसाइल ने इसे हरियाणा के सिरसा में हवा में ही मार गिराया. इस घटना से DRDO को पिनाका-IV को और एडवांस बनाने का मौका मिला.
2028 में ट्रायल, 2030 तक सेना में शामिल
डिफेंस सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है कि पिनाका-IV के ट्रायल 2028 से शुरू होंगे और 2030 तक इसे सेना में शामिल कर लिया जाएगा. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी पहले ही कह चुके हैं कि पिनाका सिस्टम को और रेजिमेंट्स में शामिल किया जाएगा.
चीन की PHL-16 और रूस की स्मर्च MBRL प्रणालियों को देगा चुनौती
चीन के पास पहले से ही 250 से 500 किलोमीटर तक मार करने वाली PHL-16 जैसी रॉकेट तोपें हैं. यह चीन की PHL-16 यहां तक कि रूस की स्मर्च MBRL जैसी प्रणालियों को भी चुनौती देने की क्षमता रखेगा. पिनाका-IV आने से भारत को भी LAC पर मजबूती मिलेगी. यह सेना की मौजूदा छह पिनाका रेजिमेंट्स में आसानी से शामिल होगा. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 2024 में इसके विस्तार की योजना की घोषणा की थी.
भारत पहले ही आर्मेनिया को पिनाका बेच चुका है और अब इंडोनेशिया, नाइजीरिया और फ्रांस जैसे देश भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं. अगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा तो पिनाका-IV भारतीय तोपखाने को और ज्यादा ताकतवर बनाएगा.
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