देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने देश की निजी कंपनियों से 87 MALE ड्रोन खरीदने का फैसला किया है. पहले ये ड्रोन इजरायल से खरीदे जाते थे. यह विदेशी निर्भरता को कम करने और स्वदेशी निर्भरता को बढ़ाने का भी एक महत्वपूर्ण कदम है. MALE ड्रोन के शामिल होने से तीनों सेनाओं की निग


समुद्री और जमीनी सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने मीडियम ऑल्टिट्यूड लॉन्ग एंड्यूरेंस (MALE) ड्रोन की खरीद प्रक्रिया में तेजी ला दी है. इसके तहत देश के निजी कंपनियों से ही 87 ड्रोन खरीदे जाएंगे.

रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस योजना पर करीब 20,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह पूरी तरह मेक इन इंडिया के तहत होगा. इस कदम से भारत की स्वदेशी ड्रोन तकनीक को बढ़ावा मिलेगा और विदेशी कंपनियों पर निर्भरता घटेगी.


 

पहले इजरायल से खरीदे जाते थे ड्रोन

सूत्रों ने बताया कि यह पहली बार है जब भारतीय कंपनियों को इस तरह के एडवांस MALE ड्रोन बनाने का मौका मिल रहा है. इससे पहले यह ड्रोन एक इजरायली कंपनी से खरीदे जाते थे.

खरीदने से पहले किए गए परीक्षण

ड्रोन की खरीद से पहले जरूरी परीक्षण भी किए गए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ड्रोन के डिजाइन और तकनीक सेना की जरूरतों पर खरी उतरती हैं.

इन ड्रोन को उन्नत निगरानी और लड़ाकू क्षमताओं से लैस किया जाएगा. यह ड्रोन हर तरह के इलाके में रियल-टाइम इंटेलिजेंस, सर्विलांस और टोही में मदद करेंगे. इनकी सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि ये कम से कम 35,000 फीट की ऊंचाई पर 30 घंटे से ज्यादा लगातार उड़ान भर सकेंगे. अधिकारी ने बताया कि इसमें 60% से ज्यादा हिस्सा स्वदेशी होना जरूरी रखा गया है.

वायुसेना को मिलेगी मदद

सूत्रों के मुताबिक MALE ड्रोन के शामिल होने से तीनों सेनाओं की निगरानी क्षमता और मजबूत होगी. खासकर भारतीय वायुसेना को पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं पर नजर रखने में बड़ी मदद मिलेगी.

अब इस प्रस्ताव को रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय समिति के सामने रखा जाएगा. मंजूरी मिलते ही ड्रोन की खरीद शुरू हो जाएगी और जल्द ही देश की सीमाओं पर दुश्मन की हर हरकत पर बारीकी से नजर रखी जा सकेगी. 

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