बीजेपी के दोनों कार्यकाल के लिए साझा किए गए वर्षवार आंकड़ों से पता चला है कि 2020-21 में सोनोवाल सरकार ने 30.24 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जबकि सरमा की ओर से राज्य में एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में पदभार संभालने के बाद अगले साल 72.83 करोड़ रुपये खर्च किए गए


असम में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने भी विज्ञापन पर जमकर खर्च किया है. राज्य के सूचना और जनसंपर्क मंत्री पीयूष हजारिका ने आज बुधवार को विधानसभा को बताया कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार ने पिछले चार वित्तीय सालों में विज्ञापनों पर 370 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं.

 

हजारिका ने कहा कि साल 2016 से 2021 तक असम के मुख्यमंत्री रहे सर्बानंद सोनोवाल की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने 2016-17 से 5 वित्तीय सालों में विज्ञापनों पर 125.6 करोड़ रुपये खर्च किए थे.

पहले साल सरमा सरकार ने किए 73 करोड़ खर्च

कांग्रेस विधायक अब्दुल बातिन खांडाकर की ओर से पूछे गए सवाल पर अपने लिखित जवाब में हजारिका ने कहा कि वर्तमान भारतीय जनता पार्टी सरकार ने 2021-22 से पिछले चार वित्तीय सालों के दौरान प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और आउटडोर मीडिया में विज्ञापनों पर कुल 372.33 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.हिमंत बिस्वा सरमा ने मई 2021 में बीजेपी की अगुवाई वाली दूसरी असम सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला.

 

बीजेपी के दोनों कार्यकाल के लिए साझा किए गए वर्षवार आंकड़ों से पता चला है कि 2020-21 में सोनोवाल सरकार ने 30.24 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जबकि सरमा की ओर से राज्य में एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में पदभार संभालने के बाद अगले साल 72.83 करोड़ रुपये खर्च किए गए.

असम में विज्ञापनों पर खर्च बढ़ता गया

विधानसभा को जानकारी दी गई कि इसके बाद की अवधि में, सरमा सरकार की ओर से हर साल विज्ञापन के खर्च में बढ़ोतरी की जाती रही. अगले साल 2022-23 में खर्च बढ़कर 78.85 करोड़ रुपये हो गया जबकि 2023-24 में यह वृद्धि 160.92 करोड़ रुपये की हो गई.

हजारिका ने सदन को बताया कि जारी वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक सरकार द्वारा अलग-अलग प्रकार के विज्ञापनों के लिए 59.72 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया है.

निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई के एक सवाल के जवाब मंत्री हजारिका ने कहा कि असम सरकार ने 2015-16 में विज्ञापनों पर 18.58 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जो पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के कार्यकाल का अंतिम वित्तीय वर्ष था, जिसके बाद बीजेपी की सरकार आई और सोनोवाल ने उनकी जगह ली थी. अगले ही साल सोनोवाल सरकार का विज्ञापन खर्च बढ़कर 26.88 करोड़ रुपये हो गया.

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