देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना 10वां अमेरिकी दौरा करने जा रहे हैं. ये दौरा कई मामलों में अहम होने वाला है. वो भी तब जब ट्रंप का टैरिफ थ्रेट दुनिया के कुछ देशों के साथ भारत पर भी मंडरा रहा है. वैसे इस दौरान पर पीएम मोदी का फोकस सिर्फ टैरिफ ही नहीं होगा, बल्कि टेस्ला को भारत लाना और श


साल 2014 से लेकर अब तक देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के 9 दौरे कर चुके हैं. 12 फरवरी से उनका 10वां दौरा शुरू होने वाला है. भारत की इकोनॉमी, ट्रेड, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और शेयर बाजार के लिए पीएम मोदी का ये दौरा काफी अहम होने वाला है. इसका कारण भी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिस तेवर के साथ सत्ता में लौटे हैं. उसका असर सिर्फ उन देशों पर ही देखने को नहीं मिलेगा. जिनको वा लगातार निशाने पर लिए हुए हैं. उसका असर उन देशों में भी देखने को मिलेगा या यूं कहें कि देखने को मिल रहा है, जिनके अमेरिका के साथ बेहतर रिलेशन हैं. ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रंप के उस तेवर को भारत के लिए हल्का करने जा रहे हैं. ऐसा कहना गलत नहीं होगा.

 

नरेंद्र मोदी अपने इस दौरे पर ट्रंप टैरिफ, एलन मस्क की टेस्ला और भारत के गिरता शेयर बाजार को फोकस में रखे हुए हैं. इसका मतलब है कि वो एक तीर से तीन निशाने लगाने के मूड से अमेरिकी यात्रा पर जा रहे हैं. ताकि देश की इकोनॉमी को फिर से रफ्तार दी जा सके. ऐसा इसलिए क्योंकि ट्रंप के आने के बाद टैरिफ थ्रेट का असर भारत पर भी उतना ही देखने को मिल रहा है, जितना बाकी देशों पर. ब्रिक्स देशों जिसका भारत भी सदस्य है को जिस तरह से ट्रंप ने निशाने पर लिया है. उससे साफ है कि ट्रंप किसी को बख्शने के मूड में नहीं है.

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दूसरा एलन मस्क की टेस्ला को भारत लाने का प्रयास काफी सालों से हो रहा है. अब जब बजट में सरकार ने काफी रियायते दे दी हैं, ऐसे में मस्क की मुलाकात मोदी से भी हो सकती है. तीसरा और सबसे अहम कि शेयर बाजार लगातार गोते लगा रहा है. जिसकी वजह से निवेशकों को काफी नुकसान हुआ है. खासकर विदेशी निवेशकों का पलायन शेयर बाजार से होना सरकार के लिए बड़ी चिंता का सबब है.

अगर पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा से कोई पॉजिटिव साइन मिलते हैं तो एक बार फिर से शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की एंट्री हो सकती है. जिससे शेयर बाजार में तेजी आने की संभावना है. खास बात तो ये है कि शेयर बाजार से जितना पैसा एफआईआई निकाल रहे हैं. डीआईआई उतना ही इंफ्यूज कर रहे हैं. उसके बावजूद भी शेयर बाजार का सेंटीमेंट काफी नेगेटिव देखने को मिल रहा है. आइए समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिका से किस तरह की खबरें लेकर आते हैं.

ट्रंप टैरिफ थ्रेट को दूर करना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 12-13 फरवरी को अमेरिका की यात्रा काफी अहम समय पर हो रही है. मौजूदा समय में भारत-अमेरिका संबंधों में सेंटर स्टेज पर ट्रेड, रक्षा सहयोग और एनर्जी हैं. मोदी 13 फरवरी को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मिलने वाले हैं, जिसमें इंपोर्ट ड्यूटी कम करने, अमेरिकी ऊर्जा और रक्षा उपकरणों की खरीद बढ़ाने और लंबे समय से चले आ रहे ट्रेड इश्यूज को हल करने को लेकर चर्चा होने की संभावना है. पीएम मोदी ये विजिट अब और भी अहम हो गई है, जब अगले हफ्ते डोनाल्ड ट्रंप अपने टैरिफ का ऐलान करने वाले हैं.

Trump Trade India

उम्मीद की जा रही है कि भारत और अमेरिका ट्रेड और टैरिफ के बारे में गहन चर्चा करेंगे, खासकर इंपोर्ट 

ड्यूटी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के संबंध में. भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा से पहले एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि नई दिल्ली को बैठक के दौरान “टैरिफ पर अधिक गहन और निरंतर चर्चा” की उम्मीद है. ट्रम्प ने कई मौकों पर नई दिल्ली को “जबरदस्त टैरिफ निर्माता” कहा है.

बजट 2025-26 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाई-एंड मोटरसाइकिल, कार और स्मार्टफोन पार्ट्स जैसी लग्जरी वस्तुओं पर सीमा शुल्क में कटौती की घोषणा की, जिससे हार्ले-डेविडसन, टेस्ला और ऐप्पल जैसी अमेरिकी कंपनियों को फायदा हुआ. महत्वपूर्ण बात यह है कि पूरी तरह से आयातित मोटरसाइकिलों पर शुल्क 50 फसदी से घटकर 40 फीसदी हो गया है. ऐसे में पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा कई मामलों में भारत के लिए गुड न्यूज लेकर आ सकती है.

एलन मस्क की टेस्ला को भारत लाना

कई सालों से भारत दुनिया की सबसे बड़ी ईवी कंपनी में से एक टेस्ला को भारत लाने का मन बना रहा है. साल 2023 की पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान एलन मस्क की मुलाकात भी हुई थी. खबरें आने लगी थी कि एलन मस्क भारत में 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश कर सकते हैं. तब भारत की कई पॉलिसी आड़े आ गई और मस्क का निवेश ठंडे बस्ते में चला गया. उसके बाद साल की शुरूआत में ईवी व्हीकल के इंपोर्ट पर लगने वाले टैक्स में बदलाव किए गए.

उस समय देश के कई मंत्रियों की बात मस्क के अधिकारियों से हुई. एलन मस्क का भारत दौरा भी प्लान हो गया. उन्हें 21—22 अप्रैल 2024 भारत भी आना था. लेकिन वो अचानक चीन चले गए और साल 2024 के अंत में भारत आने की बात कही. साल 2025 आ चुका है. अमेारिका की सत्ता बदल चुकी है. अब मोदी अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं.

हाल ही में खबर आई है कि मोदी के अमेरिकी यात्रा के दौरान एलन मस्क पीएम नरेंद्र मोदी को कॉल कर सकते हैं. साथ ही उनकी मुलाकात भी हो सकती है. ऐसे में एक बार फिर से टेस्ला की भारत में एंट्री पर बात होगी. इस बार जो निवेश होगा, वो 3 अरब डॉलर का नहीं बल्कि 10 अरब डॉलर का देखने को मिल सकता है. उसका कारण भी है. केंद्रीय बजट ने 40,000 डॉलर से अधिक कीमत वाली कारों पर इंपोर्ट शुल्क 125 फीसदी से घटाकर 70 फीसदी कर दिया है, और लिथियम-आयन बैटरी पर मूल सीमा शुल्क समाप्त कर दिया गया है.

फोकस में रहेगा शेयर बाजार

पीएम मोदी की नजरें भारत के शेयर बाजार पर भी होंगी. उसका कारण भी हैं. जब से ट्रंप सत्ता में लौटे हैं, तब से ट्रंप टैरिफ थ्रेट भारत में भी मंडरा रहा है. डॉलर के मुकाबले में रुपए में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. साथ ही विदेशी निवेशकों का पलायन जारी है. जनवरी और अब फरवरी दोनों महीने में विदेशी निवेश 90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा शेयर बाजार से निकाल चुके हैं. दूसरी ओर जब से ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं, तब से रुपए में डॉलर के मुकाबले में 4 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल चुकी है.

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ऐसे में पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात और भी अहम हो जाती है. अगर पीएम मोदी ट्रंप टैरिफ थ्रेट को भारत के लिए कम करने में कामयाब होते हैं, तो डॉलर के मुकाबले में रुपए को कम नुकसान होगा. बल्कि रुपए में सुधार देखने को मिलेगा. वहीं दूसरी ओर ट्रंप और मोदी की संभावित पॉजिटिव मीटिंग का इंपैक्ट विदेशी निवेशकों पर भी देखने को मिलेगा. इससे विदेशी निवेशक भारत की ओर आकर्षित हो सकते हैं.

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