अमेठी। वर्ष 1998 के आम चुनाव के बाद यह पहला मौका है, जब जीते प्रत्याशी ने स्वयं मौजूद रहकर जीत का प्रमाण पत्र लिया है। यही नहीं, यह भी पहला मौका है,
अमेठी। वर्ष 1998 के आम चुनाव के बाद यह पहला मौका है, जब जीते प्रत्याशी ने स्वयं मौजूद रहकर जीत का प्रमाण पत्र लिया है। यही नहीं, यह भी पहला मौका है, जब मतगणना के समय विनर और रनर प्रत्याशी संसदीय क्षेत्र में मौजूद रहकर अपने समर्थकों के साथ हर चक्र के बाद जीत-हार के अंतर का आकलन करता नजर आया।
आम चुनाव हो और प्रदेश की सबसे हाॅट और कांग्रेस की गढ़ मानी जाने वाली अमेठी संसदीय सीट की चर्चा न हो यह संभव नहीं। हर किसी की निगाहें इस सीट पर मतगणना के दिन लगी रही। दिलचस्प बात यह रही कि इस बार गांधी परिवार की परंपरागत सीट पर राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के करीबी व गांधी परिवार के सिपहसालार केएल शर्मा भाजपा प्रत्याशी व केंद्रीय मंत्री स्मृति जूबिन इरानी के सामने थे।
वर्ष 1998 के आम चुनाव में भाजपा से प्रत्याशी रहे डॉ. संजय सिंह ने कांग्रेस के कैप्टन सतीश शर्मा हराया था और मतगणना स्थल पर मौजूद रहकर स्वयं प्रमाण पत्र लिया था। इसके बाद यहां पर कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी चुनाव लड़े लेकिन, जीत के बाद मतगणना स्थल पर मौजूद रहकर प्रमाण पत्र नहीं लिए। हमेशा उनके प्रतिनिधि ही जीत का प्रमाण लिए। वर्ष 2019 के आम चुनाव में जीत का सेहरा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के सिर पर बंधा लेकिन, मतगणना के बाद जीत का प्रमाण पत्र उनके प्रतिनिधि विजय गुप्ता ने लिया था।
इस बार न केवल कांग्रेस का प्रत्याशी मतगणना के दिन-दिन भर अपने संसदीय क्षेत्र में मौजूद रहे। बल्कि जीत के बाद मतगणना स्थल पर पहुंचकर कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा स्वयं मौजूद रहकर जीत का प्रमाण लिया। जिसकी चर्चा क्षेत्र के हर जुबान पर रही।
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