आपको अवगत कराते चलें कि लखीमपुर खीरी में दशहरा मेला खत्म होने के बावजूद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। नगर पालिका प्रशासन और दुकानदारों के बीच मेला हटाने को लेकर तनातनी बढ़ गई है। दुकानदारों का आरोप है की मेला लगाने अनुमति 10 नवंबर तक थी। परंतु नगर पालिका पर प्रशासन ने मेले को उससे पहले ही खत्म करवाना शुरू कर दिया। उप जिलाधिकारी ने दुकानदारों को भरोसा दिलाया था कि मेला 10 नवंबर तक लगेगा पंत पालिका अध्यक्ष ने इस फैसला को मानने से इनकार कर दिया। इसके बावजूद कई दुकानदार अपनी दुकान हारने को तैयार नहीं थे। इस पर आज दोपहर नगर पालिका अध्यक्ष स्वयं प्रशासनिक अमले के साथ मेले में पहुंची और जेसीबी से दुकाने हटवाना शुरू कर दिया। इस कार्रवाई के दौरान सॉफ्टी की कुछ दुकानों का आगे का हिस्सा जेसीबी से गिरा दिया गया जिससे मेले में अफरा तफरी माहौल बन गया। दुकान हटाने की चेतावनी के बाद दुकानदार अपने ग्राहकों को हटाकर तेजी से दुकान समेटने लगे जिस पर जेसीबी का काम रोका गया। पालिका प्रशासन का कहना है कि दुकानदारों ने नाटो मेल आबादी बढ़ने के लिए निर्धारित शुल्क जमा किया ना ही एसडीएम के साथ हुई बैठक के अनुसार नगर पालिका से रसीद कटवाई। वहीं नगर पालिका के ई ओ संजय कुमार का कहना है कि बिजली, पानी और सफाई की सुविधाओं का खर्चा दुकानदारों ने अभी तक नहीं दिया है। ऐसे में बिना शुल्क के मेले का संचालन करना संभव नहीं। कुछ दुकानदारों ने इस कार्यवाही का विरोध भी किया परंतु पुलिस के आगे उनकी एक नहीं चली। उनका कहना है कि प्रशासन ने बिना सूचना या नोटिस के अचानक जेसीबी बुलाकर दुकान हटवाना शुरू कर दी। जब कि उन्होंने ट्रस्ट और पालिका की रसीदे कटवा रखी हैं।
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