अगर सोनिया गाँधी जी 2024 का लोकसभा चुनाव हार जाएँ, तो क्या वे 10 जनपथ का आवास छोड़ देंगी?


अगर सोनिया गांधी 2024 में लोकसभा चुनाव हार जाती हैं तो तकनीकी तौर पर तो उन्हें 10 जनपथ का बंगला खाली करना पड़ जाएगा क्योंकि इस समय वह केवल लोकसभा की सांसद हैं और इसी आधार पर उन्हें यह बंगला आवंटित है. उनके पास इस समय एसपीजी का सुरक्षा कवच भी उपलब्ध नहीं है जिसके कारण उन्हें कोई सरकारी बंगला देना आवश्यक नहीं है, फिर भी यह उस समय की सरकार पर निर्भर करेगा और वह चाहे तो इस सुविधा को बन्न्ये रख सकती है .

10 जनपथ का बंगला सोनिया गांधी को 1991 में राजीव गांधी की हत्या के बाद आवंटित किया गया था. इससे पहले वह राजीव गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में आवंटित 7, रेस कोर्स रोड जिसे आजकल 7, लोक कल्याण मार्ग कहा जाता है, मैं रहती थी. तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने ७ लोक कल्याण मार्ग के आवास को प्रधानमंत्री के स्थाई आवास में बदल दिया था और इस कारण सोनिया गांधी को 10 जनपद में आना पड़ा था. यद्यपि उस समय सोनिया गांधी ना तो सांसद थी और न ही उन्हें एसपीजी का सुरक्षा कवच प्राप्त था, लेकिन राजीव गांधी की हत्या की प्उरष्म्रठ भूमि में उनकी सुरक्षा को देखते हुए ऐसा किया गया था.

बाद में पी वी नरसिंह राव ने पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार को अगले 10 साल तक एसपीजी सुरक्षा कवर प्रदान करने का कानून बना दिया, जिसे यूपीए के शासनकाल में और आगे बढ़ाया गया और इस सुरक्षा व्यवस्था के कारण, सांसद न होने पर भी उनको यह बंगला उपलब्ध रह सकता था लेकिन केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने वीआईपी सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के उपरांत गांधी परिवार के सदस्यों की की सुरक्षा व्यवस्था जैडप्लस कैटेगरी में कर दी है, जिस के मानकों के अनुसार सरकार द्वारा बंगला उपलब्ध कराया जाना अनिवार्य नहीं है और इसी कारण प्रियंका वाड्रा को भी अपना बंगला खाली करना पड़ा था.

लोकसभा का चुनाव हारने के बाद भी सोनिया गांधी के पास राज्यसभा की सदस्यता लेने का विकल्प होगा जिसे वह बड़े आसानी से प्राप्त कर १० जनपथ बचा सकती हैं.

फोटो - गूगल

 

 

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