बिजली के बढ़ते निजीकरण के खिलाफ माकपा का प्रदर्शन


बिजली के बढ़ते निजीकरण के खिलाफ माकपा का प्रदर्शन

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) जमुनापार क्षेत्रीय कमेटी तथा उत्तर प्रदेश किसान सभा ने दिनांक 16 जून 2023 को विद्युत उपकेन्द्र, कोरांव में बुनकरों को फ्लैट रेट पर तथा गरीबों को सस्ती बिजली देने के लिए तथा नलकूपों पर मीटर लगाने और बिजली के बढ़ते निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन कर 9 सूत्रीय मांगपत्र एस0डी0ओ0 के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बिजली आज की एक बुनियादी ज़रूरत है, और सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वो उसे सस्ते दर पर सभी को उपलब्ध कराये। पर हमारे प्रदेश में ऐसा हो नहीं रहा है। प्रदेश में बिजली पहले से ही मंहगी है। उस पर भी प्रदेश के नियामक आयोग ने 18 से 23 फीसदी दाम बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। व्यापक विरोध और 2024 में होने वाले संसदीय चुनावों के चलते इसे वापस भले ले लिया गया हो, पर उसका खतरा अभी भी बरकरार है। इसके अतिरिक्त किसानों के ट्यूबवेल में मीटर लगाये जा रहे हैं। किसानों को भरमाने के लिए सरकार कह ज़रूर रही है कि किसानों को फ्लैट रेट पर ही बिजली देगी, पर किसानों के व्यापक विरोध के बावजूद वह नलकूपों पर मीटर लगाने से बाज नहीं आ रही। वास्तव में मीटर लगाने का मतलब ही यही है कि किसानों को बिजली का दाम फ्लैट रेट की बजाये मीटर के आधार पर ही देना पड़ेगा। इससे खेती की लागत और बढ़ जायेगी। इसी प्रकार प्रदेश के बुनकर भी लगातार फ्लैट रेट पर तथा कम दाम बिजली मांग रहे हैं, जिसके अभाव में लूम बंद होने के कगार पर हैं। पर सरकार केवल खोखले आश्वासन दे रही है। ऐसे में पहले से ही व्याप्त मंहगाई और बेरोज़गारी और बढ़ जायेगी। इसके अलावा बिजली का लगातार निजीकरण किया जा रहा है, सरकारी पद रिक्त पड़े हैं, संविदा पर भर्ती की जा रही है, जिसके चलते बिजली कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ रहा है। साथ ही सरकार सस्ती बिजली देने की अपनी ज़िम्मेदारी से मुंह मोड़ रही है। बिजली के सवाल पर व्यापक स्तर पर अनियमितता भी व्याप्त है। मनमाने बिल आ रहे हैं। हालत यह है, कि ऐसे भी परिवार हैं, जहां बिजली का खम्भा तक नहीं गड़ा, पर उन्हें बिल भेजा जा रहा है। ऐसे परिवार भी हैं, जिन्हें एक बल्ब की फ्री योजना में कनेक्शन दिया गया था, वहां अब वसूली के लिए बड़े-बड़े बिल भेजे जा रहे हैं। बिजली कटौती अघोषित और अनियमित तरीके से हो रही है। ट्राँस्फॉर्मर और तार खस्ताहाल हैं, जिसके चलते आये दिन फाल्ट होता रहता है। इसी संदर्भ में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), उत्तर प्रदेश किसान सभा, उत्तर प्रदेश खेत मज़दूर यूनियन तथा सेण्टर ऑफ इण्डियन ट्रेड यूनियनस् इन सवालों पर एक व्यापक अभियान चला रही है, जिसके चलते 15 जून को त्रिवेणीपुरम्, झूंसी तथा 16 जून को कोरांव मे प्रदर्शन हुआ, तथा 19 जून को तुलापुर, सिकंदरा, 20 जून को मलांवा, सहसों, 22 जून को सधनपुर सोरांव, तथा 25 जून को मऊ आईमा के विद्युत उपकेन्द्रों तथा अंत में 5 जुलाई 2023 को अधिशाषी अभियंता कार्यालय, जॉर्ज टाउन, (मेडिकल कॉलेज के सामने) प्रदर्शन किये जायेंगे। माकपा ने बिजली की दरें कम करने, नलकूपों पर मीटर न लगाने, हैण्ड लूम पर मीटर लगाने का फैसला रद्द करने तथा पुरानी फ्लैट रेट व्यवस्था लागू करने, बिजली के निजीकरण पर रोक लगाने, उपभोक्ताओं पर गलत तरीके से गणना कर बढ़े हुए बिल भेजना बंद करने, भेजे गये गलत बिलों को रद्द करने, जर्जर लाइनें को बदलने तथा। ट्राँस्फार्मरों की क्षमता बढ़ाने, अघोषित और अनियमित विद्युत कटौती बंद करने, गरीब किसानों, खेत मजदूरों तथा बुनकरों और सभी गरीबों को मुफ्त बिजली देने तथा बिजली कर्मचारियों पर काम का लोड बढ़ाना बंद करने, रिक्त पदों पर स्थायी भर्ती करने, संविदा और ठेका कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारी घोषित करने की मांग की। माकपा ने सिरोखर बिहारी बस्ती में बिजली का खंभा लगाने, कोसफरा कला में मनमाना बिल भेजने, तराँव में ट्रांसफॉर्मर एवम विद्युतीकरण कर पोल तार लगाने की मांग की। कार्यक्रम में माकपा जमुनापार क्षेत्रीय कमेटी के मंत्री दिग्विजय सिंह, जिला मंत्री अखिल विकल्प, भगवत प्रसाद, भोला, शिव पूजन, राज कुमार, मधु सुधन, बद्री प्रसाद कुशवाहा, राम मूर्ति , केशरी प्रसाद कुशवाहा, शिव लाल, सियाराम आदि लोग उपस्थित थे।

उमेश कुमार ब्यूरो चीफ प्रयागराज अब तक टीवी न्यूज चैनल

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