देश नीलामी से बनेगा 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का भारत।


देश नीलामी से बनेगा 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का भारत।
पहले भारतीय प्रचलन में रहे रुपए का विमुद्रीकरण कर देश के सच्चे नागरिकों को आर्थिक विपन्नता में धकेला गया। नक़ली नोटों को प्रचलन से दूर करने और आतंकवाद की क़मर तोड़ने का दावा और वादा था। सब का सब औंधे मुंह भहरा गया। 31 मार्च 2016 तक 16लाख 415 रूपया प्रचलन में था। फिर अचानक से प्रलयकारी बाढ़ ने 31मार्च 2022 तक 31लाख 5हज़ार रुपए प्रचलन में आ गए। 6बिलियन डॉलर के मालिक गौतम अडानी 139बिलियन डॉलर के बादशाह बन गए। प्रतीत होता 2016 से 2022 तक 15लाख करोड़ के जो अतिरिक्त नोट छपे हैं उसका टकसाल अडानी के ही घर में लगाया गया है।
  गब्बर सिंह टैक्स लाया गया रीढ़ की थोड़ी सी सीधी हड्डी को भी चूरा बना दिया गया। 
एनसीएलटी ( नेशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल) के जरिए देश की नवरत्न सरकारी उपक्रमों को औने पौने में दहेज़ में देश के गद्दार उद्योगपतियों में सौप दिया गया।
   रेलवे का निजीकरण यानि इसे भी दहेज़ में सौप दिया गया। राष्ट्रीय स्मारक, संग्रहालय तक को भी दहेज़ की अग्नि में आहुति दे दी गई।
    एनएलएमटी (नेशनल लैंड मोनेटाइजेशन कॉर्पोरेशन)
इस स्कीम के तहत दिल्ली, मुंबई, और अहमदाबाद रेलवे स्टेशन को पीपीपी (पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप)  यानि दहेज़ में सौंपने की तैयारी हो चुकी है।
    समझ नही आ रहा है कि बेटी इतनी प्रिय है कि दामाद अधिक लालची मिल गया है?
   देश के नागरिकों से आयकर, और गब्बर सिंह टैक्स वसूल कर राष्ट्रीय सम्पत्ति का निर्माण हो रहा है तदोपरांत इसे ही दहेज़ में गद्दार उद्योगपति को सौप दिया जा रहा है। यह कैसी लूट है?
गौतम राणे सागर
   राष्ट्रीय संयोजक,
संविधान संरक्षण मंच।

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