बिहार में चुनाव आयोग के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की प्रक्रिया को लेकर सियासत गरमाई हुई है. विपक्षी दल चुनाव आयोग की ओर से किए गए वोटर लिस्ट जांच की इस प्रक्रिया का विरोध किया है जबकि चुनाव आयोग इसे एक आम प्रक्रिया बता रहा है. चुनाव आयोग का कहना है कि चुनाव से पहले वोटर लिस्ट की जांच कोई नई बात नहीं है. इस तरह की प्रक्रिया चुनाव से पहले होती रही है. विरोधी दलों का कहना है कि वोटर लिस्ट जांच के लिए मतदाताओं से जो डॉक्यूमेंट्स की मांग की जा रही है वो गलत है इसमें संशोधन होना चाहिए. अब चुनाव आयोग ने बताया है कि करीब-करीब आधे मतदाताओं से फॉर्म इकट्ठा कर लिए गए हैं जबकि अभी भी 17 दिनों का वक्त बचा हुआ है.
चुनाव आयोग ने कहा है कि 8 जुलाई को शाम 6 बजे तक एसआईआर की प्रगति को देखते हुए, यह संभावना है कि गणना फॉर्म एकत्र करने का कार्य अंतिम दिन यानी 25 जुलाई 2025 से पहले ही पूरा हो जाएगा. चुनाव आयोग ने कहा है कि पिछले 14 दिनों में ही बिहार में ही बिहार के 37077077 मतदाताओं से फॉर्म इकट्ठा कर कर लिए गए हैं. यह आंकड़ा बिहार के कुल 78969844 मतदाता का करीब 46.95 फीसदी है.
7.90 करोड़ फॉर्म छापे गए, 97 फीसदी बांट भी दिए गए
राज्य में एसआईआर शुरू होने के पहले दो सप्ताह में 7.90 करोड़ फॉर्म छापे गए और 97 फीसदी से अधिक फॉर्म (77044990) मतदाताओं को वितरित किए जा चुके हैं. साथ ही, 18.16 फीसदी फॉर्म ECINET में अपलोड किए जा चुके हैं. बड़ी संख्या में संभावित मतदाता SIR को लेकर जारी आदेश में निर्दिष्ट पात्रता दस्तावेजों के साथ गणना फॉर्म जमा कर रहे हैं. अब, प्रयास यह है कि बचे आधे फार्म और पात्रता दस्तावेजों को भी जल्द से जल्द इकट्ठा कर लिए जाए.
जमीनी स्तर पर 20603 बीएलओ की नियुक्ति
पिछले 24 घंटों में यानी सोमवार शाम 6 बजे तक 8278617 गणना फॉर्म एकत्र किए गए हैं, जो एक दिन में एकत्र किए गए फॉर्मों का 10.5 फीसदी है. जमीनी स्तर पर 20603 बीएलओ की नियुक्ति के साथ ही फॉर्म को इकट्ठा करने के काम में भी तेजी आई है. पहले से ही 77895 बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं को उनके गणना फॉर्म भरने और उन्हें एकत्र करने में मदद कर रहे हैं. बीएलओ ने प्रत्येक घर में अपने अनिवार्य तीन दौरों में से पहला दौरा पहले ही पूरा कर लिया है और दूसरा दौरा अभी चल रहा है.
4 लाख वालंटियर ने संभाला मोर्चा
आयोग ने कहा है कि एसआईआर की प्रक्रिया में करीब 4 लाख वालंटियर जिनमें सरकारी अधिकारी, एनसीसी कैडेट, एनएसएस सदस्य शामिल हैं. ये सभी लोग बुजुर्गों, दिव्यांगों, बीमार और कमजोर लोगों की मदद कर रहे हैं और फॉर्म भरवाने में सुविधा प्रदान कर रहे हैं. इसके अलावा सभी 243 एसी, 963 एईआरओ, 38 डीईओ और राज्य के सीईओ को कवर करने वाले ईआरओ जमीनी स्तर पर मतदाताओं को उनके फॉर्म जमा करने मदद कर रहे हैं.
साथ ही साथ सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों ने भी बीएलए की नियुक्ति में तेजी लाइ है और वे जमीनी स्तर पर सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं. मंगवार तक 156626 बीएलए नियुक्त किए जा चुके हैं जबकि इस प्रक्रिया की शुरुआत में 138680 बीएलए नियुक्त किए हुए थे. राजनीतिक दल अभी भी बीएलए नियुक्त कर सकते हैं.
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