नागरिकों को सशक्त बनाने का माध्यम है जन सूचना अधिकार अधिनियम: पीएन द्विवेदी
जन सूचना अधिकार अधिनियम जागरूकता कार्यशाला संपन्न
पीलीभीत के जंगलों से फिलहाल बाघों की दहाड़ सुनाई नहीं देगी।
पीलीभीत के जंगलों से फिलहाल बाघों की दहाड़ सुनाई नहीं देगी। अब पीलीभीत टाइगर रिजर्व 6 महीने के लिए सैलानियों के लिए बंद हो गया है। 15 जून की शाम आखिरी सफारी के साथ टाइगर रिजर्व का यह पर्यटन सत्र खत्म हो गया। अब अगले 6 महीने तक यानी 15 नवंबर तक पर्यटक टाइगर सफारी का लुत्फ नहीं उठा पाएंगे। अच्छी बात यह है कि इस बार का पर्यटन सत्र रिकॉर्ड तोड़ रहा।
उत्तर प्रदेश के इस तराई क्षेत्र में बसे टाइगर रिजर्व की बात करें तो यह करीब 73 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। शारदा और गोमती जैसी नदियों से घिरे इस रिजर्व की खूबसूरती और वहां के बाघों का दीदार करने हर साल हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ, लेकिन आंकड़े इस बार हर रिकॉर्ड तोड़ गए। पीलीभीत टाइगर रिजर्व इस बार अपने इतिहास के सबसे शानदार पर्यटन सीजन का गवाह बना। रिजर्व प्रबंधन के मुताबिक इस साल कुल 56,289 सैलानियों ने जंगल सफारी की, जिनमें 452 विदेशी पर्यटक भी शामिल रहे। यह संख्या पिछले साल के मुकाबले सबसे ज्यादा है। 2023-24 में जहां 54,378 पर्यटक पहुंचे थे, वहीं इस बार यह आंकड़ा उससे कहीं ऊपर चला गया। इतना ही नहीं, सिर्फ सैलानियों की संख्या ही नहीं, बल्कि कमाई में भी रिजर्व ने झंडे गाड़ दिए। इस पूरे सीजन में पीलीभीत टाइगर रिजर्व को 1 करोड़ 60 लाख रुपये से ज्यादा का राजस्व मिला। यह किसी भी सीजन में अब तक की सबसे बड़ी आमदनी है। इससे साफ है कि लोग अब जंगल सफारी के लिए पहले से ज्यादा उत्साहित हैं।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के 730 वर्ग किलोमीटर में फैले इस जंगल में 71 से भी अधिक बाघ और तेंदुए समेत तमाम दुर्लभ जंगली जानवर हैं। यहां की अनुकूल आबोहवा और पानी की पर्याप्त उपलब्धता के चलते पर्यटकों को अच्छी साइटिंग मिलती है। यही कारण है कि पीटीआर पर्यटकों के साथ ही साथ वाइल्ड लाइफ कंटेट क्रिएटर्स की पहली पसंद बना हुआ है। पूरे पर्यटन सत्र के दौरान सोशल मीडिया पर पीटीआर से जुड़े कई फोटो और वीडियो देखने को मिले। पर्यटन सत्र के अंतिम दिन भी पर्यटकों को बाघ अनोखे अंदाज में नजर आया, सफारी के दौरान पर्यटकों को नहर में तैरते बाघ के दीदार हुए हैं।
नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) की गाइडलाइन के अनुसार हर साल 15 जून से 15 नवंबर तक टाइगर रिजर्व को बंद किया जाता है, ताकि इस दौरान बाघों और अन्य वन्यजीवों को प्रजनन का पर्याप्त समय और शांति मिल सके। सर्दी की शुरुआत यानी 15 नवंबर से फिर से टाइगर सफारी शुरू हो जाएगी। तब फिर एक बार मौका मिलेगा तराई के बाघों को नज़दीक से देखने का और जंगल की सैर का रोमांच फिर से लौट आएगा।
राजकुमार वर्मा
अबतक न्याय पीलीभीत
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