दीनदयाल ने बताया कि अमरिया पुलिस की तत्परता के कारण आग पर काबू पाया जा सका जिसकी हर ग्रामवासी सराहना कर रहा हैं।


आपातकालीन सेवाओं को भी‌ सहायता की आवश्यकता की आवश्यकता स्पष्ट नजर आ रही है। वही तहसील स्तर पर किसी भी अधिकारी का सीयूजी नंबर आपात स्थिति मे नही उठ रहा है, जिससें स्पष्ट जाहिर हो रहा है की अधिकारियों को सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के‌ आदेशों का कोई महत्व नहीं हैं। अधिकारी अपनी मनमर्जी से बाज नही आ रहे हैं शायद अधिकारी भी किसी बड़ी घटना के इंतज़ार में है। आग लगने की घटना भी अधिकारियों के लिए कोई विशेष महत्व नहीं रखती हैं।

मामला अमरिया तहसील के ग्राम धुंधरी का है जहां आग लगने की घटना के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी दम तोड़ती नजर आयी। फायर ब्रिगेड की गाड़ी का पम्प 20 मिनट तक स्टार्ट ही नही हो सका। शाम करीब 7:40 बजे दीनदयाल पुत्र रूपलाल के घर के बाहर बने भूसे के गूंगो मे अज्ञात कारणों के चलते आग लग गई। ग्रामीणों  के द्वारा इसकी सूचना तत्काल तहसील स्तर के अधिकारियों को देने की कोशिश की, परंतु तहसील स्तर के किसी भी अधिकारी का सीयूजी नंबर नहीं उठा। थाना प्रभारी अमरिया ने मामले में तत्परता दिखाते हुए तत्काल फायर ब्रिगेड की गाड़ी को मौके पर भेजा, परंतु फायर ब्रिगेड की गाड़ी का पंप भी आपात स्थिति में दम तोड़ता हुआ नजर आया। कड़ी मशक्कत के बाद लगभग 20 मिनट के बाद दमकलकर्मियों द्वारा पंप को स्टार्ट किया गया और आग पर काबू पाया जा सका। दमकलकर्मियों  द्वारा बताया गया कि तहसील स्तर पर सिर्फ एक गाड़ी होने के चलते इस तरह की समस्याएं आ जाती हैं, हमने बैकअप के लिए जिला मुख्यालय से दो गाड़ियों को बुला लिया है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि तहसील स्तर के अधिकारियों द्वारा फोन ना उठाए जाने के संबंध में क्या अधिकारी किसी बड़े हादसे का इंतजार करते रहते हैं? जिससे अधिकारियों के कार्य शैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसके बाबजूद भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुँचा।

राजकुमार 
अबतक न्याय अमरिया

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