एक देश-एक चुनाव को लेकर सरकार संसद में बिल लाने की तैयारी में है. सरकार के सूत्रों के मुताबिक तीन बिल सरकार लाएगी, जिसमें दो संविधान संशोधन बिल होंगे. हालांकि ये अभी तय नहीं है कि ये बिल सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में लाएगी या बजट सत्र में. इसको लेकर जल्द ही सरकार के स्तर पर फैसला लिया जाएगा.
गौरतलब है कि मोदी कैबिनेट ने एक देश, एक चुनाव पर बनी रामनाथ कोविंद कमिटी की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था. कमिटी की रिपोर्ट में दो चरणों में चुनाव की सिफारिश की है.
पहले चरण में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव कराने की सिफारिश कमिटी ने की है. वहीं. दूसरे चरण में स्थानीय निकाय के चुनाव कराए जाने की सिफारिश कमिटी ने की है.
प्रस्तावित संविधान संशोधन विधेयकों में से एक विधेयक स्थानीय निकायों के चुनावों को लोकसभा और विधानसभाओं के साथ जोड़ने को लेकर होगा. इस विधेयक को कम से कम 50 प्रतिशत राज्यों से समर्थन की जरूरत है.
लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव कराने का प्रस्ताव
प्रस्तावित पहले संविधान संशोधन विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने का प्रावधान है.
सूत्रों का कहना है कि प्रस्तावित विधेयक में ‘नियत तिथि’ से संबंधित उप-खंड (1) को जोड़ा जाएगा और इसमें अनुच्छेद 82ए में संशोधन का प्रावधान है. इसके साथ ही इस विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल की समाप्ति का भी प्रावधान है. इसमें अनुच्छेद 82ए में उप-खंड (2) में संशोधन का प्रावधान होगा.
इसमें अनुच्छेद 83(2) में संशोधन करने का भी प्रावधान है. इस विधेयक में लोकसभा की अवधि और विघटन से संबंधित नए उप-खंड (3) और (4) को शामिल करने का प्रस्ताव रखा जाएगा.
संविधान में संशोधन के लिए बिल लाएगी सरकार
इस विधेयक में विधानसभाओं के विघटन एवं अनुच्छेद 327 में संशोधन किया जाएगा और उसमें “एक साथ चुनाव” शब्द को शामिल किया जाएगा. हालांकि इस विधेयक को 50 फीसदी 50 प्रतिशत राज्यों के समर्थन की जरूरत नहीं होगी.
वहीं दूसरे दूसरे संविधान संशोधन विधेयक के लिए 50 प्रतिशत राज्य विधानसभाओं के समर्थन की जरूरत होगी. स्थानीय निकायों के चुनावों के लिए राज्य चुनाव आयोगों के परामर्श से चुनाव आयोग के मतदाता सूची तैयार की सिफारिश की जाएगी और इसमें भी संशोधन की जरूरत है.
संवैधानिक रूप से चुनाव आयोग और राज्य चुनाव दोनों ही अलग-अलग निकाय हैं. चुनाव आयोग राष्ट्रपति, राज्यसभा, उपराष्ट्रपति, लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और राज्य विधान परिषदों के लिए चुनाव कराता है, जबकि राज्य चुनाव आयोग नगर पालिकाओं एवं पंचायतों का चुनाव कराता है.
रामनाथ कोविंद कमिटी की सिफारिश को सरकार ने माना
प्रस्तावित दूसरे संविधान संशोधन विधेयक में अनुच्छेद 324A जोड़ने का प्रावधान है. इसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के साथ-साथ नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराने का प्रावधान है.
तीसरा विधेयक एक साधारण विधेयक है. यह विधेयक विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों – दिल्ली, पुडुचेरी, और जम्मू-कश्मीर से कानूनों के प्रावधानों में संशोधन करेगा. यह एक साधारण विधेयक है और इसमें न तो संविधान में बदलाव की आवश्यकता है और न ही राज्यों के समर्थन की.
लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले मार्च में सरकार को रामनाथ कोविंद कमेटी ने अपनी सिफारिश सौंपी थी. केंद्र सरकार ने हाल में इस सिफारिश को मान ली है.
नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए Facebook, Instagram Twitter पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज के लिए हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब करें।
Leave a Comment: