साल 2024 का लोकसभा चुनाव कई प्रत्याशियों के अजब-गजब प्रचार के लिए भी याद किया जाएगा। वोटरों को लुभाने के लिए प्रत्याशियों ने तमाम जतन किए। वोट के लिए चप्पलों की माला पहनी। अर्थी पर भी लेटे।


यह लोकसभा चुनाव कई प्रत्याशियों के प्रचार के अजब-गजब तरीकों के लिए भी याद किया जाएगा। पश्चिम से लेकर पूर्वांचल तक प्रत्याशियों ने वोटरों को लुभाने के लिए तमाम जतन किए, अब देखना यह है कि उनका यह तरीका चुनाव के नतीजों पर कितना असर दिखाता है।

चुनावी समर की पश्चिमी यूपी से हुई शुरुआत के दौरान अलीगढ़ में निर्दलीय प्रत्याशी पंडित केशव देव गौतम का नाम सबकी जुबान पर चढ़ गया था। इसकी वजह थी, उनके द्वारा चप्पलों की माला पहनकर प्रचार करना। लखनऊ में मर्द पार्टी (मेरा अधिकार राष्ट्रीय दल) के प्रत्याशी के आकर्षक स्लोगन लोगों का ध्यान खींचने में कामयाब रहे। 

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रत्याशी कपिल मोहन ने 'बेटों के सम्मान में, उतरे हैं मैदान में’, ‘अगले जनम मोहे बेटा न कीजो’ जैसे स्लोगन के जरिये अपने प्रचार को रफ्तार दी।

हेमा मालिनी की राह पर राजभर 
सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओपी राजभर ने घोसी से चुनाव लड़ रहे अपने बेटे अरविंद राजभर को जिताने के लिए हेमा मालिनी की तर्ज पर खेतों में जाकर गेहूं की फसल काटी। उनके बेटे ने तो भरी जनसभा में माफी मांगकर वोटरों की नाराजगी दूर करने का जतन तक किया। गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी रवि किशन कभी गाना गाकर तो कभी युवाओं से पंजा लड़ाकर प्रचार करते रहे।

 

हिट हुआ अखिलेश की सभाओं में डांस
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की सभाओं में भदोही निवासी छोटे कद के कार्यकर्ता चांद मोहम्मद का डांस खासा लोकप्रिय हुआ। गोरखपुर की रैली में जब उन्होंने 'सांसद जी हाजिर हों’ गाने पर डांस किया तो अखिलेश और प्रियंका के कदम भी थिरकने लगे। वहीं, आजमगढ़ में भाजपा प्रत्याशी दिनेश यादव निरहुआ ने 'अखिलेश हुए फरार, निरहुआ डटल बा’ गाने से सपा की घेराबंदी की।
 

अनूठी शादी रही चर्चा में
मतदाता भी लोकतंत्र के पर्व का रंग जमाने में पीछे नहीं रहे। अलीगढ़ में एक शादी मतदाता जागरूकता अभियान में तब्दील हो गई। शादी के कार्ड में अधिक मतदान के स्लोगन छपवाने के साथ फेरों के बाद अतिथियों को मतदान करने की शपथ दिलाना चर्चा में बना रहा।

श्मशान में बनाया चुनाव दफ्तर
गोरखपुर में प्रत्याशी राजन यादव उर्फ अर्थी बाबा ने श्मशान घाट में अपना चुनाव कार्यालय खोला, तो रातों-रात सुर्खियों में आ गए। उन्होंने अर्थी पर लेटकर प्रचार भी किया। 
 

गाजीपुर में निर्दलीय प्रत्याशी सत्यदेव यादव अपना नामांकन दाखिल करने दौड़कर गए। वह 28 बार चुनाव लड़ चुके हैं। मोदी और मुलायम सिंह यादव को भी चुनौती देने के लिए मैदान में उतर चुके हैं। पूर्व के चुनावों में वह बैलगाड़ी और घोड़े से नामांकन करने भी गए थे। हालांकि उनकी जमानत हमेशा जब्त होती रही।

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