रेल बजट में प्रस्तावित हरदुआगंज-दाऊद खां रेलवे स्टेशन के मध्य 22 किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर के निर्माण के लिए जल्द ही प्रस्तावित जमीन का अधिग्रहण शुरू हो जाएगा। इसके लिए रेलवे व राजस्व विभाग का संयुक्त सर्वे पूरा हो चुका है। संभावना है कि लोकसभा चुनाव के लिए लागू आदर्श चुनाव आचार संहिता हटने के बाद किसानों की जमीन का अधिग्रहण शुरू हो जाएगा। इसके बाद प्रस्तावित फ्लाईओवर का निर्माण शुरू होगा।
यह जिले का सबसे लंबा फ्लाईओवर होगा। इसके निर्माण पर करीब 1250 करोड़ रुपये की लागत आएगी। निर्माण कार्य वर्ष 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अभी रेलवे अफसरों की ओर से फ्लाईओवर के डिजाइन में कुछ बदलाव कराया जा रहा है, इसके बाद निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी।
114.1 हेक्टेयर जमीन का सर्वे हुआ
रेलवे ने कोल एवं गभाना तहसील के 20 गांवों की करीब 114.1 हेक्टेयर जमीन को अधिग्रहीत करने की तैयारी कर ली है। अलीगढ़-दाउद खां तीसरी रेल लाइन (6.9 किमी) एवं दाउद खां में फ्लाईओवर के निर्माण के लिए तहसील कोल के भू-अर्जन से प्रभावित आठ ग्रामों एवं अलीगढ़-हरदुआगंज फ्लाईओवर (22 किमी) के निर्माण के लिए तहसील कोल व गभाना के प्रभावित ग्रामों में भूमि अधिग्रहण होना है। इसके नोटिफिकेशन में उल्लिखित ग्रामों के गाटा संख्या में किस-किस काश्तकार की कितनी-कितनी भूमि एवं परिसंपत्ति मौके पर प्रभावित हो रही हैं। इसकी संयुक्त जांच राजस्व विभाग एवं रेलवे कर रहे हैं। कार्यालय के भूलेख अमीन की उपस्थिति में सर्वे पूरा कर लिया गया है।
ट्रेन संचालन में नहीं होगी देरी
अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर दो प्रमुख रेल मार्ग है, जिससे यह जंक्शन बनता है। पहला नई दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग, दूसरा हरदुआगंज-बरेली-चंदौसी रेलमार्ग कहलाता है। हरदुआगंज-बरेली तक ब्रांच रेल लाइन है। इसी लाइन से हरदुआगंज-बरेली जाने वाली ट्रेनें चलती हैं, जो अलीगढ़ स्टेशन पर नई दिल्ली-हावड़ा मार्ग से जुड़ जाती हैं। जब हरदुआगंज से ट्रेन नई दिल्ली- हावड़ा रेल मार्ग पर आती है तो लगभग 20 से 25 मिनट तक नई दिल्ली हावड़ा रेलमार्ग व्यस्त हो जाता है और कई बार ट्रेनों को स्टेशन के आउटर पर रोकना पड़ता है।
इस समस्या को देखते हुए रेलवे ने दाऊद खां से हरदुआगंज तक 22 किलोमीटर लंबा रेलवे फ्लाईओवर का निर्माण कराने का निर्णय लिया है। जिससे हरदुआगंज से आने वाली ट्रेनें सीधे दाऊद खां ट्रैक से मिल जाएंगी। यहां पर उन्हें डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और नई दिल्ली हावड़ा दोनों रेलमार्ग मिल जाएंगे। कोलकाता की ब्रिज एवं रूफ कंपनी को निर्माण की जिम्मेदारी मिली है।
इन 20 गांवों की जमीन होगी अधिग्रहीत
इस परियोजना में कोल तहसील के 18 एवं गभाना तहसील के दो गांवों की जमीन अधिग्रहीत की जाएंगी। इसमें कोल के गांव चिरौला, दाऊद खां, पड़ियावली, नगला पानखानी, भदेसी माफी, रहमतपुर गढ़मई, कमालपुर, अली नगर, सिंधौली, बरौला-जाफराबाद, इलियासपुर, महरावल, चुआवली, बरई-सुभानगढ़ी, सिया खास, रठगांव, इमलौठ, छेरत-सुढ़ियाल एवं खेरूपुरा शामिल हैं। गभाना तहसील के गांव जमालपुर सिया और रफीपुर सिया की जमीन ली जाएगी।
नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए Facebook, Instagram Twitter पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज के लिए हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब करें।
Leave a Comment: