आरोपी उदय स्वरूप के अधिवक्ता ने कोर्ट में जमानतदार पेश किए हैं। कोर्ट ने 2-2 लाख के दो जमानतदार और मुचलका दाखिल करने के आदेश दिए। अब बचाव साक्ष्य के लिए 22 मई की तिथि नियत की गई है।


आगरा के दयालबाग शिक्षण संस्थान के शोध छात्रा हत्याकांड में शुक्रवार को सत्र न्यायालय में सुनवाई हुई। आरोपी उदय स्वरूप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दीपक शर्मा ने हाईकोर्ट के जमानत आदेश की सत्य प्रतिलिपि दाखिल की। इसके साथ ही कोर्ट ने 2-2 लाख के दो जमानतदार और मुचलका दाखिल करने के आदेश दिए। आरोपी के अधिवक्ता की ओर से कोर्ट में जमानतदार दाखिल किए गए। अब इनका सत्यापन होगा। इसके बाद ही आरोपी जेल से बाहर आ सकेगा।

15 मार्च 2013 को दयालबाग शिक्षण संस्थान की नैनो बायो टेक्नोलॉजी लैब में शोध छात्रा की हत्या हुई थी। हत्या के आरोप में उदय स्वरूप को जेल भेजा गया था। पहले पुलिस ने विवेचना की थी। चार्जशीट लगाई थी। उदय स्वरूप और लैब टेक्नीशियन यशवीर संधू को जेल भेजा गया था। उन्हें हत्या, दुष्कर्म की कोशिश और साक्ष्य मिटाने का आरोपी बनाया।
 

बाद में सीबीआई ने विवेचना कर चार्जशीट लगाई। इसमें उदय स्वरूप को आरोपी बनाया गया। हत्या, दुष्कर्म और साक्ष्य मिटाने में आरोप तय किए गए। बृहस्पतिवार को उदय स्वरूप को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। शुक्रवार को कोर्ट में केस में सुनवाई हुई। वादी की ओर से विशेष लोक अभियोजक पूर्व डीजीसी अशोक गुप्ता पैरवी कर रहे हैं। मामला अब बचाव साक्ष्य में चल रहा है। उदय स्वरूप की ओर से पूर्व में बचाव साक्ष्य के लिए सात लोगों की सूची दाखिल की गई थी। कोर्ट में बचाव साक्ष्य के 22 मई की तिथि नियत की है।

50 लोगों की गवाही हो चुकी है पूरी
अभियुक्त उदय स्वरूप की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता दीपक शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर जमानत स्वीकार होने पर स्थानीय अदालत ने 2-2 लाख के दो जमानतदार और 2 लाख के निजी मुचलका जमा करने के आदेश किए। इस पर उदय स्वरूप की ओर से दो जमानत और निजी मुचलके अपर जिला जज प्रथम की अदालत में पेश कर दिए गए। जमानतदारों के सत्यापन के लिए पत्रावली भेजी हैं। केस में 22 मई को सुनवाई होगी। बचाव के लिए अपने गवाह और सुबूत पेश करेंगे। अब तक 50 लोगों की गवाही हो चुकी है। उदय स्वरूप को रिहा होने में अभी कुछ दिन का समय लगेगा।

प्रस्ताव ठुकराने पर रची थी हत्या की साजिश
सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। इस पर सीबीआई ने वर्ष 2015 में उदय स्वरूप के खिलाफ दुष्कर्म, हत्या और साक्ष्य नष्ट करने की धारा में आरोपपत्र दाखिल किया था। इसमें आरोप लगाया गया था कि शोध छात्रा के प्रस्ताव ठुकराने पर उदय स्वरूप ने हत्या की साजिश रची। चार्जशीट में कहा गया कि छात्रा को अकेला पाकर उदय लैब में आया। दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी।

 

 

कब क्या हुआ
- 15 मार्च 2013 : दयालबाग स्थित शिक्षण संस्थान में शोध छात्रा की हत्या।
- 16 मार्च : घटना की जानकारी पर छात्र-छत्राएं सड़क पर प्रदर्शन करने लगे।
- 17 मार्च : पुलिस ने संस्थान की लैब के पास से लैपटॉप बरामद किा।
- 22 अप्रैल : हत्याकांड में उदयस्वरूप और यशवीर संधू जेल भेजे गए।
- 18 जुलाई : पुलिस ने विवेचना पूरी की। आरोप पत्र को कोर्ट में पेश किया।
- 22 जुलाई : प्रदेश सरकार ने केस सीबीआई को स्थानांतरित किया।
- 10 फरवरी 2014 : उदय स्वरूप और यशवीर संधू को हाईकोर्ट से जमानत मिली।
- 5 जनवरी 2016 : सीबीआई ने कोर्ट में आरोप पत्र प्रस्तुत किया। दुष्कर्म की कोशिश की धारा को हटाया गया।
- आरोप पत्र दुष्कर्म, हत्या और साक्ष्य मिटाने में लगाया गया। इसमें उदय स्वरूप पर आरोप तय किए गए। यशवीर संधू को क्लीन चिट दी गई।
- 12 मई 2016 को आरोपी उदय स्वरूप को फिर से जेल भेजा गया था।

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