अफजल गनी की ख़ास रिपोर्ट कोपागंज जनपद से कोपागंज। शहीदे  कर्बला की याद में अलम का जुलूस बुधवार  को निकाला गया।


अफजल गनी की ख़ास रिपोर्ट कोपागंज जनपद से

कोपागंज। शहीदे  कर्बला की याद में अलम का जुलूस बुधवार  को निकाला गया। कसबे  में जगह-जगह सबील लगाई गईं। अलम का जुलूस शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा के कडे इंतजाम किए थे । जुलूस के दौरान या हुसैन या हुसैन की सदाओं से नगर  गूंज उठा । 

मोहर्रम की सातवीं तारीख को नगर में अलम ए मुबारक के जुलूस निकाले गए। बुधवार  को दोपहर के बाद अलम ए मुबारक के जुलूस का सिलसिला शुरू होकर देर सायं समाप्त हुआ।उक्त जुलुस अपने अपने रास्ते व घरो से निकलकर ताजिया न 3 पर पंहुचा ताजिया नंबर 6 ,4 व सात को सबको साथ लेकर क़स्बा चौक होते हुए गंज शाहिदा पंहुचा। अलम का जुलुस हजरत अब्बास अलमदार की याद में मनाया गया।  जुलुस के दौरान सभी अंजुमनों ने नौहवा मातम करते हुए चल रहे थे इनके या हुसैन या हुसैन की सदाओं से नगर  गूंज उठा ।शिया जामा मस्जिद के इमाम हसन रजा साहब ने अपनी  तक़रीर में कहा कि  यह जुलूस कर्बला में मारे गये इमाम हुसैन अ.स. उनके साथी और घर वालों  तथा उनके भाई मौला अब्बास की वफादारी एवं उनकी क़ुरबानी की याद में निकाला जाता है । कर्बला में यज़ीदी सिपाहियों की तरफ से 7 मोहर्रम को इमाम हुसैन के काफ़िले के लिए पानी बन्द कर दिया जाता है । इमाम हुसैन के काफ़िले में छोटे छोटे बच्चे थे जो प्यास से तड़पने लगे इन बच्चों की प्यास बुझाने के लिए इमाम हुसैन अपने भाई जनाब अब्बास को पानी लाने दरिया पर भेजते हैं मगर कई हज़ार की संख्या में यज़ीदी सिपाहियों ने एक अकेले और निहत्ते व्यक्ति जनाब अब्बास पर इस बे रहमी से हमला करते हैं कि उनके दोनों हाथ क़लम हो जाते हैं और उनकी लाश को टुकड़े टुकड़े कर देते हैं । लखनऊ विश्वविद्द्यालय के शोधार्थी अली ज़फर  ने हमें बताया कि कि दुनिया का पहला सबसे घातक आतंकवादी हमला कर्बला में हुआ । अगर उसी वक़्त इस हमले के खिलाफ लोग खड़े हो जाते तो आज दुनिया से आतंकवाद का नाम व निशान मिट जाता मगर अफ़सोस कि लोगों ने ज़ालिमों का साथ दिया और आज भी मुसलमानों का एक तबका उन ज़ालिम आतंकवादियों को क्लीन चिट देता है। इस अवसर पर मौलाना हसन रज़ा , मौलाना ज़ुहूरुल मुस्तफा, मौलाना शमशीर अली, मौलाना मो० तकी, मौलाना मुन्तज़िर मेहदी,सेठ अम्बर हुसैन, हाजी सक़लैन, असद रज़ा, सेठ ज़फरुल नकी, सक़लैन हैदर, रेयाज़ अस्करी, रेयाज़ हुसैन, अकबर अली, डा. सलमान हैदर, डा. कासिम हुसैन, हसनैन, शरिफुल हसन, अनीस जाफर, कर्रार अली, शबीहुल हसन, ज़फरुल हसन, जर्रार अली, शमीम मेहदी, कल्बे अब्बास, जमील असग़र गुड्डू, बाक़र रज़ा शिबू, हिफाज़त हुसैन, शाहिद रज़ा, शमशी, ज़ैगम अब्बास,दिलबर अब्बास नय्यर अब्बास, दानिश जाफरी इत्यादि लोग मौजूद रहे ।इस दौरान  मोहल्लों में सबीले लगाई गई। जुलूस को शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न कराने के लिए पुलिस व पीएसी के जवान तैनात थे।

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