सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्टी घोटाले में राज्य सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द करने के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि जब भर्ती प्रक्रिया पर पहले से सवाल उठ रहे थे तो नई नियुक्तियां क्यों की गईं?
शीर्ष अदालन के पूछा- आखिर ऐसा कैसे हो सकता है?
अदालत में वकील नीरज कौशल कौल ने पश्चिम बंगाल सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि शिक्षकों और छात्रों के अनुपात को देखकर ही भर्तियां की गईं थीं। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने भी 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति को अवैध नहीं कहा है। राज्य सरकार के दूसरे वकील जयदीप गुप्ता ने हाईकोर्ट के फैसले को गलत करार देते हुए कहा कि यह शीर्ष अदालत के ही फैसले के विपरीत है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द करने का फैसला हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने सवाल पूछा कि शिक्षक भर्ती से जुड़ी कॉपियां क्यों खत्म की गईं? जिसके जवाब में वकील ने कहा कि कॉपियां अब नहीं मिल सकती। सुप्रीम कोर्ट ने फिर पूछा का आखिर ऐसा कैसे हो सकता है?
ऐसे तो लोग भरोसा खो देंगे- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोग अपना भरोसा खो देंगे। बता दें कि शीर्ष अदालत ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई सोमवार को स्थगित कर दी थी, इनमें बंगाल सरकार की याचिका भी शामिल है।
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