कालाष्टमी के मौके पर काल भैरव को खुश करने के लिए उनके भोग में ये खास चीजें अवश्य शामिल करें. इन चीजों का भोग लगाने से काल भैरव जल्दी खुश हो जाते हैं और लोगों कामना भी जल्द ही पूरी हो जाती है.


हिन्दू धर्म में कालाष्टमी के मौके पर काल भैरव की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का व्रत किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव के उग्र स्वरूप काल भैरव की पूजा की जाती है. तंत्र-मंत्र की साधना करने वालों के लिए ये व्रत बहुत ही खास माना जाता है. कालाष्टमी को भगवान शिव के काल भैरव स्वरूप की पूजा से भक्तों को सभी प्रकार के भय से मुक्ति प्राप्त होती है. आषाढ़ माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 28 जून दिन शुक्रवार को पड़ रही है और इसी दिन कालाष्टमी का व्रत रखा जाएगा.

कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के उग्र स्वरूप कालभैरव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है. धार्मिक मत है कि भगवान काल भैरव की पूजा-व्रत करने से व्यक्ति को दुख और संकट से छुटकारा मिलता है. इस दिन यदि आप भगवान शिव के विग्रह अवतार काल भैरव बाबा की पूजा से आपके रोग, संकट और बाधांए दूर होती हैं और सुख-शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

कालाष्टमी तिथि और मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, अषाढ़ माह के ​कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 28 जून दिन शुक्रवार को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर प्रारंभ होगी. यह तिथि अगले दिन 29 जून शनिवार को दोपहर 02 बजकर 19 मिनट तक मान्य है. आषाढ़ कालाष्टमी व्रत की पूजा के लिए निशिता मुहूर्त की मान्यता है, इस वजह से आषाढ़ कालाष्टमी का व्रत 28 जून को ही रखा जाएगा. कालाष्टमी व्रत के दिन काल भैरव की पूजा रात के समय में की जाती है. हालां​कि तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए निशिता काल में काल भैरव की पूजा करते हैं.

 

काल भैरव चढ़ाएं ये चीजें

  • कालाष्टमी के दिन काल भैरव के सात्विक भोग में हलवा, खीर, गुलगुले (मीठे पुए) जलेबी, फल आदि अवश्य शामिल करें.

  • कालाष्टमी के दिन काल भैरव को पान, सुपारी, लौंग, इलायची, मुखवास आदि चीजें भी चढ़ाईं जाती हैं.

  • काल भैरव को लगाने वाले भोग को शुद्ध घी में बनाकर ही अर्पित करें.

  • काल भैरव को मदिरा का भी भोग लगाया जाता है. इसलिए उनके भोग में मदिरा अवश्य शामिल करें.

  • भगवान काल भैरव की पूजा के लिए धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएं और काल भैरव की आरती गाएं.

  • भगवान काल भैरव से अपनी मनोकामना के लिए प्रार्थना करें.

  • भगवान काल भैरव को भोग लगाने के बाद गरीबों को भोजन जरूर खिलाएं.

कालाष्टमी का महत्व

काल अष्टमी के दिन भगवान काल भैरव की पूजा करने से भक्तों को धन-दौलत की प्राप्ति होती है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. जीवन में रोगों से मुक्ति मिलती है और भय के साथ चिंता भी दूर होती है. मान्यता है कि प्रभु की उपासना करने से जातक की सभी मुरादें पूरी होती हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है. इसके अलावा घर में भी सुख-शांति बनी रहती है.

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