एक समाचार एजेंसी के पॉडकास्ट में सीएम योगी ने कहा ‘ज्ञानवापी में हमने तो त्रिशूल नहीं रखे। वहां सुरक्षा है केंद्रीय बल है उनके मुतवल्ली हैं ताला-चाभी उनके पास रहती है। फिर वहां त्रिशूल कैसे बने हुए हैं? वहां भौतिक साक्ष्य हैं शास्त्रीय प्रमाण हैं अन्य पुरातात्विक प्रमाण भी होंगे। यह मामला न्यायालय में भी है। स्वाभाविक रूप से इस पर निर्णय होना चाहिए।
ज्ञानवापी प्रकरण (Gyanvapi Case) पर बेबाकी से अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा है कि अगर हम उसे मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। हमें उसे ज्ञानवापी बोलना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘भगवान ने जिसे दृष्टि दी है वह देखे कि त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है? वहां ज्योतिर्लिंग है, देव प्रतिमाएं हैं, पूरी दीवारें चिल्ला चिल्ला कर क्या कह रही हैं?’ उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह प्रस्ताव मुस्लिम समाज की तरफ से आना चाहिए कि अतीत में जो ऐतिहासिक गलती हुई है और उसका हम समाधान चाहते हैं।
सीएम योगी बोले- ज्ञानवापी में त्रिशूल कैसे बने हुए हैं?
एक समाचार एजेंसी के पॉडकास्ट में सीएम योगी ने कहा ‘ज्ञानवापी में हमने तो त्रिशूल नहीं रखे। वहां सुरक्षा है, केंद्रीय बल है, उनके मुतवल्ली हैं, ताला-चाभी उनके पास रहती है। फिर वहां त्रिशूल कैसे बने हुए हैं? वहां भौतिक साक्ष्य हैं, शास्त्रीय प्रमाण हैं, अन्य पुरातात्विक प्रमाण भी होंगे। यह मामला न्यायालय में भी है। स्वाभाविक रूप से इस पर निर्णय होना चाहिए।’
जो प्रमाणों को नकार रहा है, वह ढोंगी है: सीएम योगी
उन्होंने कहा ‘कोई जन्मांध या जन्म से दृष्टिबाधित होता है तो उसे दिशा बताई जा सकती है लेकिन कोई जान-बूझकर इसका ढोंग करे तो उसे कोई दिशा नहीं दिखा सकता है। जो उन प्रमाणों को नकार रहा है, वह ढोंगी हैं। इतिहास को तो तोड़ा मरोड़ा जा सकता है लेकिन उन ऐतिहासिक साक्ष्यों को नहीं, जो वहां की दीवारें चिल्ला-चिल्ला कर कहती हैं। उन ऐतिहासिक साक्ष्यों को भी देखने की आवश्यकता है।’
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