बिहार में महागठबंधन की बैठक में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार पर सहमति नहीं बन पाई. तेजस्वी यादव के नेतृत्व में हुई बैठक में पशुपति पारस के महागठबंधन में शामिल होने की घोषणा की गई. साथ ही महागठबंधन की तरफ से को-ऑर्डिनेशन कमेटी के गठन का फैसला लिया गया है, जिसके अध्यक्ष तेजस्वी यादव होंगे.


बिहार की राजधानी पटना राजधानी में महागठबंधन की मीटिंग करीब ढाई घंटे चली. मगर, इसमें सीएम फेस को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई. बैठक का नेतृत्व तेजस्वी यादव ने किया. जबकि कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णाअल्लावरू, प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी समेत वाम दलों के नेता भी शामिल हुए. मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. तेजस्वी यादव ने इस बात की जानकारी दी कि पशुपति पारस महागठबंधन में शामिल होंगे. महागठबंधन की तरफ से को-ऑर्डिनेशन कमेटी की गठन होगा, जिसके अध्यक्ष तेजस्वी यादव होंगे.

 

बिहार प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कृष्णाअल्लावरू ने कहा कि महागठबंधन की इस बैठक में सभी दलों के लोगों ने अपनी-अपनी बात रखी. आगामी विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन यूनिटी और क्लियरिटी के आधार पर चुनाव लड़ेगा. इंडिया गठबंधन जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ेगा. बिहार चुनाव के इर्द-गिर्द जो भी रणनीति होगी, जो भी काम होगा, चाहे सीट बंटवारे की बात हो या फिर कॉमन मिनिमम प्रोग्राम, मेनिफेस्टो तैयार करना और कैंपेन की रूपरेखा तय करना, ये सब को-ऑर्डिनेशन कमेटी देखेगी.

हमारी लडाई एनडीए से

 

हालांकि, महागठबंधन की तरफ से सीएम चेहरा कौन होगा, इस बात को कांग्रेस बिहार प्रभारी ने साफ नहीं किया.वीआईपी प्रमुख पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने कहा कि बार-बार पिछले 20 साल पहले की बात कही जा रही है. वर्तमान की बात नहीं कही जा रही. हम सभी एक हैं और हमारी लड़ाई एनडीए से है. हम निषाद आरक्षण की बात कर रहे हैं. मैं पहला ऐसा आदमी हूं जो बिहार में एनडीए की सरकार में मंत्री था फिर भी मैंने उत्तर प्रदेश में जाकर नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ा था.

पर्दे के पीछे से सरकार चला रही बीजेपी

सीपीआई के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि बिहार में पिछले 20 साल से बीजेपी पीछे से सरकार चला रही है. उसका हश्र क्या हुआ? ये सबके सामने है. जितने भी नारे दिए गए, सब खोखले हैं. पलायन, किसान, मजदूर, शिक्षा की वही हालत है. मजदूरों से मामूली राशि पर काम करवाया जा रहा है. माइक्रोफाइनेंस का जाल बिछा हुआ है. महिलाएं आत्महत्या करने और बच्चों को बेचने पर मजबूर हैं. बीजेपी के नेतृत्व में पूरा बिहार त्रस्त है.

कुणाल ने कहा, नीतीश कुमार मुखौटे के रूप में थे. अब वो कुछ करने की स्थिति में नहीं हैं. बीजेपी सब कुछ कर रही है. बिहार की जनता बदलाव चाहती है. महागठबंधन के सभी दलों ने मिलकर बिहार की जनता की लड़ाई लड़ने और आने वाले चुनाव में महागठबंधन की सरकार बनाने का मन बनाया है. हमें उम्मीद है कि हमें जनता का पूरा समर्थन मिलेगा. बिहार में नई सरकार बनेगी.

बिहार की हालत खराब

सीपीआई एमएल के नेशनल एग्जीक्यूटिव राम नरेश पांडे ने कहा, बिहार की हालत इतनी खराब है कि आप कल्पना नहीं कर सकते हैं. यहां पांच और छह साल की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना हो रही है. पुलिस और बड़े अफसर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. किसी भी थाने में बिना रिश्वत दिए एफआईआर दर्ज नहीं हो रही है. हम लोगों ने ‘बदलो सरकार, बचाओ बिहार’ का नारा दिया है. बिहार जब करवट लेता है तो देश की स्थिति बदल जाती है.

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