कुम्भ के स्नान पर एक चर्चा...
फरवरी के अंत तक देश में दो ही तरह के लोग बचेंगे—एक वे, जिन्होंने कुंभ में स्नान कर लिया और दूसरा वे, जिन्होंने कुंभ में स्नान नहीं किया!यह विभाजन जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र से ऊपर उठकर नई पहचान गढ़ रहा है—"स्नानी" बनाम "अस्नानी"!
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