खाता धारक ने  साइबर क्राइम सेल में कराया मामला दर्ज


  बोरावड़ ( मुकेश जोया) -   टेक्नोलोजी के इस दौर में  जरा सी चूक से बदलते दौर के साथ आपकी मेहनत की कमाई चंद सेकेंड में गायब हो सकती हैं।साइबर अपराधी भी नई-नई तरकीब अपना कर लोगों को अपने जाल में फंसा कर रुपयों की ठगी करने में जुटे हुए हैं.। ऐसा ही मामला  शुक्रवार को यूको बैंक मकराना के खाता धारक संजू रानोलिया पत्नी सतवीर रानोलिया   का सामने आया है,। जहां महिला के बैंक अकाउंट से  दो दिन में  तीन बार में 2 लाख 25 हजार  लाख रुपए निकाल लिए गए।   फ्रॉड होने की आशंका पर  पीड़ित महिला ने ऑन लाइन साइबर क्राइम सेल में मामला दर्ज करवाया है ।स्थानीय पुलिस को भी इसकी शिकायत पेश की है।

 दरअसल मेहनत  मजदूरी कर अपने बच्चो के पढ़ाई के लिए संजू  ने तीन लाख रुपए यूको बैंक खाते में जमा करवाए थे।   बच्चे को बाहर पढ़ाई के लिए एडमिशन कराने के लिए शुक्रवार को वह बैंक से रुपए निकलवाने गए तो  पहले बैंक पास बुक में एंट्री करवाई   एंट्री में 55 हजार 30 मई  को  एक और 85, हजार,85 हजार की दो ट्रांजेक्शन होना पाया। यह देख खाता धारक और उसका परिवार हक्का बक्का रह गया। उन्होंने तो कोई ट्रांजेक्शन किया ही नहीं तो यह केसे हो गए। इसकी लिखित जानकारी खाताधारक ने बैंक मेनेजर को देकर  बताया कि उनके खाते से  रुपयों की अवैध निकासी कर ली और उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगी.। बैंक से भी कोई नोटिफिकेशन मेसेज नही मिला न हीं  हमारे फोन पर कोई ओटीपी  आई। साइबर ठगी की शिकार हुई पीड़ित महिला संजू कुमारी ने बताया कि बैंक खाते की पासबुक अपडेट कराने के दौरान साइबर अपराधियों के द्वारा उनके खाता से अवैध रूप से निकासी करने की जानकारी मिली. इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत बैंक प्रबंधक से भी की। पीड़िता ने बैंक मेनेजर को बताया कि  उनके बैंक अकाउंट से रुपयों की अवैध निकासी से संबंधित उनके मोबाइल पर किसी प्रकार का कोई ओटीपी और मैसेज भी नहीं आया. इस उन्हें अवैध निकासी की जानकारी घटना के तुरंत बाद नहीं, बल्कि रेगुलर पासबुक अपडेट कराने पर मिली। 
  महिला की रिपोर्ट पर साइबर सेल ने कार्यवाही शुरू कर दी हे। साइबर सेल  ने फ्रॉड होने की शिकायत  ऑन लाइन मकराना थाना को भी प्रेषित की है। पीड़िता का आरोप है कि इस  तरह का फ्रॉड बैंक की लापरवाही और किसी n किसी कार्मिक की मिलीभगत से ही संभव है क्यों को बैंक से  उन्हें ट्रांजेक्शन की नोटिफिकेशन  सूचना नही मिली। समय पर सूचना मिल जाती तो  फ्रॉड की शिकार होने से बच जाते। बैंक प्रबंधक ने बताया कि पीड़िता की शिकायत को बैंक के उच्च अधिकारियों को प्रेषित कर दी गई ह।खाता धारक को किसी प्रकार का नुकसान नही  हो पुलिस जांच में सहयोग किया जाएगा।
 बैंक मेनेजर ने साइबर अपराधियों के झांसे में आने से बचाने के लिए लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि  कभी भी किसी अनजान व्यक्ति को एटीएम कार्ड का सीवीवी नंबर, ओटीपी साझा नहीं करनी चाहिए।. किसी भी अनजान संदिग्ध कॉल करने वाले को अपनी पर्सनल जानकारी कभी नहीं साझा करना चाहिए।. मोबाइल फोन पर किसी भी संदिग्ध यूआरएल लिंक पर क्लिक करने से बचें और अनजान व्यक्ति की सलाह पर कोई भी मोबाइल एप्लीकेशन अपने फोन में डाउनलोड नहीं करें और यदि ठगी के शिकार हो जाते हैं तो तुरंत इसकी सूचना अपने बैंक और स्थानीय पुलिस से करें ।खताधारको को चाहिए की हमेशा यूको बैंक  के लिंक वेब से ही डिजिटल लेन देन करे,और फ्रॉड का शिकार होने से बचे।

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