जातितंत्र में फंसी लोकतंत्र की जननी, लोग विकास से रह गए बहुत पीछे, वैशाली की जनता जाति के जंजाल से निकल पाएगी?
2024 पांचवें चरण का मतदान हो चुका है। अगले चरण का मतदान कल यानी 25 मई को होगा। इस बीच लोकतंत्र की जननी कहे जाने वाली वैशाली जाति के जंजाल में फंस गई है। यहां के लोग विकास से काफी पीछे रह गए हैं। जातियों की लड़ाई में फंसे लोग विकास और रोजगार की बात तो करते हैं लेकिन जाति की चश्मा उतारकर नहीं देखते हैं।लोकतंत्र की जननी मानी जाने वाली वैशाली जातितंत्र में उलझी है। भूमिहार बनाम राजपूत की लड़ाई में मुद्दे पीछे हैं और जातियों की गोलबंदी आगे ऐसे में मतदाताओं पर इस बार जाति का बंधन तोड़ने की जिम्मेदारी है। लोजपा (रामविलास) की वीणा देवी लगातार दूसरी जीत की तलाश में हैं तो राजद ने इस बार लालगंज के पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला को प्रत्याशी बनाया है।यहां पिछड़ी जातियों के मतदाता निर्णायक हो सकते हैं। वैशाली की जनता विकास और रोजगार की बात तो करती है, मगर जाति का चश्मा नहीं उतरता वैशाली में पिछले दो चुनाव से राजपूत प्रत्याशी ही आमने-सामने रहे। इस बार राजद ने भूमिहार वर्ग से मुन्ना शुक्ला को प्रत्याशी बनाकर वैशाली की राजनीति में एक अलग दांव खेला है।
केंद्र में किसे चाहती है वैशाली की जनता
इसका प्रभाव तो मतदान बाद ही पता चलेगा, लेकिन वैशाली के रास्ते मुजफ्फरपुर में सियासी पहचान सशक्त करने की बातें अवश्य जोर पकड़ रही हैं। बीते विस चुनाव में जदयू की सीटों पर लोजपा के प्रत्याशी उतारने की बात से कुर्मी वोटर दुविधा में दिख रहे। पिछड़ी- अतिपिछड़ी जातियों का वोट बैंक बड़ा है, पर वह मुखर नहीं बदलाव की छटपटाहट तो दिखती है, मगर केंद्र में नरेन्द्र मोदी भी चाहिए।
इसलिए कहते लोकतंत्र की जननी
वैशाली को पहला गणराज्य माना जाता है। ऐतिहासिक प्रमाणों के मुताबिक, ईसा से 725 वर्ष पूर्व लिच्छवी गणतंत्र विकसित हुआ था, जिसे वज्जि संघ कहा जाता था। इसके शासक जनता के प्रतिनिधियों द्वारा चुने जाते थे। उस समय छोटी-छोटी समितियां थीं, जो जनता के लिए नियम और नीतियां बनाती थीं। माना जाता है कि लोकतंत्र की प्रेरणा यहीं से मिली।
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इनमें से कोई दस्तावेज दिखाकर डाल सकेंगे वोट
उन्होंने कहा कि फोटो मतदाता पहचान पत्र नहीं होने वाले मतदाताओं को मतदान करने के लिए चुनाव आयोग ने कई वैकल्पिक पहचान पत्र से मतदान करने की सुविधा दी है। इनमें-
आधार कार्ड
पैन कार्ड
दिव्यांग यूनिक
आईडी कार्ड
ड्राइविंग लाइसेंस
मनरेगा जॉब कार्ड
पें
इनमें से कोई दस्तावेज दिखाकर डाल सकेंगे वोट
उन्होंने कहा कि फोटो मतदाता पहचान पत्र नहीं होने वाले मतदाताओं को मतदान करने के लिए चुनाव आयोग ने कई वैकल्पिक पहचान पत्र से मतदान करने की सुविधा दी है। इनमें-
आधार कार्ड
पैन कार्ड
दिव्यांग यूनिक
आईडी कार्ड
ड्राइविंग लाइसेंस
मनरेगा जॉब कार्ड
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