बूंद बूंद पानी के लिए तरस।  रहे यात्री रेलवे विभाग सोया


बूंद बूंद पानी के लिए तरस।  रहे यात्री रेलवे विभाग सोया

लखनऊ बाराबंकी के बीच सफेदाबाद हाल्ट पर इस समय  पीने के पानी की कोई सुविधा नही लगाई गई हैं जिससे आग की तरह सूरज की तपती गर्मी मे लोगो  को पीने का पानी मिलना मुहाल हो गया है  भीषण गर्मी ने  मानव जीवन से लेकर। पशु ,पक्षी  प्यास  से तपड़ रहे  आग की तरह तपते सूरज की किरणे अंगारे बरसा रही है।  सफेदाबाद हाल्ट पे किसी भी दशा मे कोई पेयजल  नल , शीतल जल टोटी   न लगाई गई  है और न स्थानीय।   कर्मचारियों द्वारा किसी  नजदीकी विभाग को यह बात बताई गई है इसमें विभाग या तो फंड खर्च करने से डर रहा या फिर।  लापरवाही बरत रहा की राहगीरों से  लेकर गाड़ियों मे।चलने वाले हजारों मुसाफिरों को पानी की सुविधा मुहैया कराई जाए  स्थानीय और आने जाने वाले  हजारों यात्रियों को इस घोर परिस्थिति का सामना करना  पड़ रहा है जल जीवन अभियान मे रेलवे विभाग की बहुत ही निंदनीय कहानी सामने आई है रेल सेवा देश की पहली सेवा है जो करोड़ो यात्रियों की  हजारों किलो मीटर की यात्रा डेली तय करता  किसी आपात स्थिति मे  अगर सिग्नल वीक हो जाए तो इस भीषण  गर्मी मे यात्रा कर रहे यात्री  प्यास से तड़प तड़प कर गश खा सकते  रेल आहार से लेकर कोई सरकारी टेंडर से पास एक भी शॉप स्टेशन की तरफ से नही उपलब्ध है की कोई राहगीर  या फिर यात्री पानी खरीद कर। पी सके। यह रेल सेवा की लिए   एक  चेतवानी है   लखनऊ राजधानी से सटा  और बाराबंकी रेल मार्ग का  मुख्य  स्टेशन पूर्वांचल का  द्वार कहा। जाने वाला बाराबंकी जिले  मे स्थित सफेदाबाद रेलवे स्टेशन खंडहर मे तब्दील है यहां न तो पीने के स्वच्छ पानी और न कोई रेलवे कैंटीन है यात्रियों के लिए यह दोनो जिलों के बीच स्थित एक मुंह का सबब बना है 

 कुछ समय पहले इसकी शिकायत सफेदाबाद स्टेशन अधीक्षक द्वारा मिली है जिसमे वॉटर ।मैनेजर को वहां पर जल सुविधा और प्लेटफार्म  पर टोटी  लगाने के लिए कहा गया है
मंडल रेल अधिकारी रेखा वर्मा

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