कानपुर देहात
1 जुलाई 2024 को तीन नए आपराधिक कानून,2024 लागू होने के पर थाना गजनेर में की गई बैठक लोगों को किया जागरूक
तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम हैं, जो आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे। आईपीसी का स्थान लेने वाला नया कानून भारतीय न्याय संहिता है। जुलाई से लागू हुए तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनयम हैं। इन कानूनों ने क्रमशः भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860, आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC), 1898 और 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनयम, 1872 की जगह ली है। पिछले दिसंबर में संसद में पारित भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) क्रमशः भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 का स्थान लेंगे।
भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएँ हैं (IPC की 511 धाराओं के बजाय)। संहिता में कुल 20 नए अपराध जोड़े गए हैं, तथा 33 अपराधों के लिए कारावास की सज़ा बढ़ाई गई है। 83 अपराधों में जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है तथा 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सज़ा की शुरुआत की गई है भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कुल 170 धाराएं हैं. नए कानून में 6 धाराएं रद्द कर दी गई हैं. वहीं नए एक्ट में दो नई धाराएं और 6 उप धाराएं जोड़ी गई हैं।
उक्त कार्यक्रम में थाना प्रभारी गजनेर दिलीप कुमार बिन्दु व सम्मानित पदाधिकारीगण, व्यापार मंडल,समस्त प्रधान, क्षेत्र के गणमान्य नागरिक, पत्रकार बंधु व गजनेर थाने का पुलिस स्टॉफ सम्मिलित हुआ ।उक्त कार्यक्रम में सभी को नवीन कानूनों के बारे में जानकारी दी गई
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