मुलायम सिंह यादव एक भारतीय राजनीतिज्ञ और समाजवादी पार्टी के फाउंडर हैं. लगातार तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में सेवाएँ दी. और भारत सरकार में रक्षा मंत्री के रूप में भी कार्य किया. काफी लंबे समय के सांसद और वर्तमान में संसद हैं, लोकसभा में मैनपुरी के निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, और इससे पहले आजमगढ़ और संभल निर्वाचन क्षेत्रों से सांसद के रूप में भी काम कर चुके हैं. उन्हें अक्सर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा नेताजी के रूप में संदर्भित किया जाता है.
मुलायम सिंह यादव का जन्म और परिवार (Mulayam Singh Yadav Birth and Family)
मुलायम सिंह यादव का जन्म उत्तरप्रदेश राज्य के, इटावा जिले के गांव सैफई में 22 नवंबर 1939 को हुआ. इनके पिता का नाम सुघर सिंह यादव और माता का नाम मूर्ति देवी है. मुलायम सिंह के 5 चार भाई और 1 बहन है. सबसे बड़े भाई (mulayam singh yadav brother name) अभय राम यादव, इनसे छोटे भाई रतन सिंह यादव, इनसे छोटे मुलायम सिंह यादव, चौथे नंबर के राजपाल सिंह यादव और सबसे छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव है. इनकी बहन का नाम कमला देवी यादव है.
मुलायम सिंह ने दो शादियां की हैं. उनकी पहली पत्नी (mulayam singh yadav first wife) का नाम मालती देवी है जिनसे शादी साल 1957 में हुई. इनका एक बेटा अखिलेश यादव है जो समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष है और साल 2012 से 2017 तक उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे है. साल 2003 में अखिलेश की माँ का निधन हो गया.
मुलायम सिंह ने 2003 में ही सार्वजनिक तौर पर अपनी पार्टी की कार्यकर्ता साधना गुप्ता को पत्नी का दर्जा दिया. दरअसल साधना गुप्ता की शादी साल1986 में बिजनेसमैन चंद्रप्रकाश गुप्ता से हुई और एक साल बाद इनका बेटा प्रतीक हुआ. बेटे के जन्म के दो साल बाद दोनों अलग हो गया और इनका तलाक हो गया. इसके बाद साधना ने राजनीती में कदम रखा और पार्टी की कार्यकर्ता के रूप में काम किया. मुलायम सिंह और साधना में नजदीकियां बड़ी और दोनों को प्यार हो गया. सार्वजनिक तौर पर इस बात का खुलासा नही किया गया. यहाँ तक की साधना के बेटे प्रतीक का स्कूल में पिता का नाम मुलायम सिंह ही लिखा जाता था.
अखलेश यादव को साधना बिलकुल भी पसंद नही थी और वह इसी बात को लेकर अपने पिता से नाराज़ (akhilesh yadav and mulayam singh yadav relation) थे. ऐसा कहा जाता है कि अखलेश और उनके पिता में एक समझौता हुआ जिसमे साधना और उनके बेटे प्रतीक यादव पॉलिटिक्स में कदम नही रखेंगे. माँ बेटे ने तो राजनीती में कदम तो नही रखा लेकिन प्रतीक की पत्नी अपर्णा बिष्ट यादव ने राजनीती में कदम रखा. इनकी शादी साल 2011 में हुई थी. फ़िलहाल अपर्णा बीजेपी (mulayam singh yadav daughter in law bjp) में शामिल है.
मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का 62 साल की उम्र में जुलाई 2022 को गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में निधन हो गया था. बताया जाता है कि साधना काफी लंबे समय से बीमारी चल रही थी.
मुलायम सिंह यादव का परिवार ( Mulayam Singh Yadav Family Tree)
पिता का नाम (Mulayam Singh Yadav Father Name)
स्व. श्री सुघर सिंह यादव
माता का नाम (Mulayam Singh Yadav mother Name)
मूर्ति देवी
भाई का नाम (Mulayam Singh Yadav Brother Name)
शिवपाल सिंह यादव, राजपाल सिंह यादव, अभय राम यादव, रतन सिंह यादव
बहन का नाम (Mulayam Singh Yadav Sister Name)
कमला देवी यादव
पहली पत्नी का नाम (Mulayam Singh Yadav First Wife Name)
स्व. मालती देवी
दूसरी पत्नी का नाम (Mulayam Singh Yadav Second Wife Name)
स्व. साधना गुप्ता
बेटे का नाम (Mulayam Singh Yadav Son Name)
अखिलेश यादव (पहली पत्नी से),
प्रतीक यादव (दूसरी पत्नी से)
बहू का नाम (Mulayam Singh Yadav daughter-in-law’s name)
डिंपल यादव, अपर्णा यादव
मुलायम सिंह यादव की शिक्षा (Mulayam Singh Yadav Education)
मुलायम सिंह यादव के पास राजनीति विज्ञान में तीन डिग्री है. इटावा के कर्मक्षेत्र पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से बी.ए. की, शिकोहाबाद के ए.के. कॉलेज से बी.टी. की और आगरा विश्वविद्यालय से एम.ए की डिग्री हासिल की.
मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक सफर (Mulayam Singh Yadav Political Career)
साल 1960 के दशक में राम मनोहर लोहिया और राज नारायण जैसे नेता समाजवादी आंदोलन के बड़े नेताओं में से के थे. और इन नेताओं के साथ मुलायम सिंह यादव भी जुड़े हुए थे.
पिताजी मुलायम को पहलवान बनाना चाहते थे लेकिन पहलवानी के साथ साथ रैलियों और आंदोलन का हिस्सा हुआ करते थे.
साल 1967 में उत्तर प्रदेश की जसवंत नगर विधान सभा से टिकट मिला. चुनाव लड़ने के लिए टिकट तो मिल गया लेकिन प्रचार प्रसार करने के लिए साइकिल के अलावा कुछ नही था. लेकिन गाँव के लोगो ने साथ दिया और अपने राजनीती करियर की शुरुआत एक विधायक के रूप में की. और यहाँ से आठ बार विधायक रहे.
साल 1975 में इंदिरा गांधी के द्वारा आपातकाल लागू करने के दौरान, मुलायम को गिरफ्तार कर लिया गया था और 19 महीने जेल में रहे.
पहली बार साल 1977 में राज्य मंत्री बने. राज्य मंत्री बनने के बाद साल 1980 में उत्तर प्रदेश में पीपुल्स पार्टी के प्रेसिडेंट बनाये गए.
साल 1982 में, वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद में विपक्ष के नेता के रूप में चुने गए और साल 1985 तक इसी पद पर बने रहे.
साल 1987 में बोफोर्स घोटाले के दौरान वीपी सिंह के संपर्क में आए और संयुक्त मोर्चा की स्थापना की और वीपी सिंह के सहयोग से साल 1989 में पहली बार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
जब लोक दल पार्टी का विभाजन हुआ, तो मुलायम यादव ने 4 अक्टूबर 1992 को समाजवादी पार्टी का गठन किया.
साल 1992 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में बसपा नेता मायावती के समर्थन के साथ गठबंधन सरकार बनाई और मुलायम दूसरी बार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बने.
साल 2003 में भारतीय जनता पार्टी के सपोर्ट से मुलायम तीसरी बार उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बने.
मुलायम सिंह सेंट्रल में भी रक्षा मंत्री के पद पर भी रह चुके हैं और शुरुआत के दिनों में मुलायम सहकारी बैंक के डायरेक्टर भी रहे है.
साल 2009 में मैनपुरी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत गए और इसी साल गन्नौर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की.
साल 2014 में गृह मंत्रालय की स्थायी समिति और श्रम और सलाहकार समिति के मेंबर बनाये गए.
साल 2014 में 16वीं लोकसभा में आजमगढ़ से सांसद चुने गए और साल 2019 में 16वीं लोकसभा में आजमगढ़ से सांसद बने.
मुलायम सिंह यादव की संपत्ति (Mulayam Singh Yadav Net Worth)
मुलायम सिंह यादव की कुल नेट वर्थ की बात करे तो साल 2019 में नामांकन दाखिल हलफनामें के अनुसार उनके पास 15 करोड़ की संपति है. इसके अलावा बैंक में 56 लाख रुपये और नकद 16 लाख 70 हज़ार रुपये है. गैर कृषि भूमि के नाम पर 10 करोड़ की जमीन है. 8 किलो सोना 1 करोड़ 22 लाख का फर्नीचर और शेयर आदि है.
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