आप एवं आपके परिवार को विजयदशमी  पर्व के शुभावसर पर  हार्दिक बधाई


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     ????जय श्रीराम???? 
                         
आप एवं आपके
परिवार को विजयदशमी 
पर्व के शुभावसर पर 
हार्दिक बधाई...!

भगवान श्रीराम  
की कृपा से आप 
सदैव उन्नति के पथ 
पर अग्रसित रहें...!!

मैं रावण हूं l
पाप से भरा, दुष्ट, शैतान l
 मेरी हसी 
अट्टहास करती हुई l
आपके कानों में
 अनुनाद उत्पन्न करती हुई l
 मन और दिल के पुण्य को 
भेदती हुई l
दिन दूनी रात चौगनी बढ़ती हुई l
मेरे भय से कांपते हुए ,
हाथ जोड़े लोग,
बदन थरथराते हुए l
मेरे कदमों में सिर झुकाये हुए l
कुछ चले आ रहे लड़खड़ाते हुए l

मैं ही तो हूं,
तमराज किलविष में,
मैं ही तो हूं,
हर विष में l
हर बद्दुआओं में भी हूं मैं,
दूसरों के लिए अनहित करने वाली
हूं विश में l

रात के अंधेरा सा मैं,
दिन के उजाले को हराता हूं l
आपकी अपनों की चालाकियों में
खुद को बसाता हूं l

हर बार मुझे
मारने की कोशिश बेकार करते हो l
दिल को बहलाने की कोशिश तमाम 
करते हो l

जबकि मेरा नाम जलाने से
मेरी आत्मा तो नहीं जलती है l
वह तुम्हारे अंदर के तम से
तो और चमकती है l

मैं मर जाऊंगा,
गर मेरी आत्मा को मार सको l
जो जो मुक्त हो हर पाप से
उससे कहो की मुझपर वार करो l

आप सभी को हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी दशहरा की ढेरों शुभकामनाएं , लेकिन उतनी ही शुभकामनाएं जितनी अगले वर्ष तक दशहरा आने तक चल सकें l

धन्यवाद
फिर मिलेंगे अगले वर्ष, यूं ही मुस्कुराते ,खिलखिलाते,लहलहाते l

अपने अंदर रख रावण तुम, जय श्री राम बोलते रहना l
पाप देख कर,पापी की गर्दन तुम पकड़ते रहना l
कितने रावण मार सकोगे बस ये तुम गिनते रहना l
दिल में रख मुझकों तुम गुमशुद ,औरों से मिलते रहना l

रावण

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