मोनिका कपूर 26 साल पहले फ्रॉड करके अमेरिका भाग गई थी. आर्थिक अपराधी मोनिका अब सीबीआई के हत्थे चढ़ गई है. दो दशक चेज़ करने के बाद सीबीआई ने अब मोनिका को गिरफ्तार किया है. सीबीआई की टीम मोनिका को भारत लेकर आ रही है.
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने मोनिका कपूर को अमेरिका में हिरासत में ले लिया है. उसे अमेरिकन एयरलाइंस के एक विमान से भारत भेज दिया है. मोनिका की फ्लाइट बुधवार रात भारत पहुंचने की संभावना है.
मोनिका कपूर ने क्या फ्रॉड किया?
मोनिका कपूर इम्पोर्ट- एक्सपोर्ट फ्रॉड केस में तकरीबन दो दशक से फरार चल रही थी. हालांकि, अब सीबीआई आर्थिक अपराध में वांटेड आरोपी मोनिका कपूर को अमेरिका से प्रत्यर्पण करके भारत ला रही है. अमेरिका में फरार रहने के बाद लंबी कानूनी प्रक्रिया पूरी करके मोनिका को भारत लाया जा रहा है.
मोनिका कपूर ने अपने भाइयों राजन खन्ना और राजीव खन्ना के साथ मिलकर 1998 में फर्जी एक्सपोर्ट बिल, शिपिंग बिल, इनवॉइस, एक्सपोर्ट के बैंक सर्टिफिकेट के जरिए 2 करोड़ 36 लाख रुपए के ड्यूटी फ्री गोल्ड के इम्पोर्ट के लिए 6 रिप्लेनिश्मन्ट हासिल किए. इन लाइसेंस को अहमदाबाद के व्यापारी को मुनाफे में बेच दिया.
सरकार को हुआ था करोड़ों का नुकसान
दीप ने इन ड्यूटी फ्री गोल्ड के इम्पोर्ट के लिए इन लाइसेंस का इस्तेमाल करके गोल्ड को इम्पोर्ट किया जिस वजह से 1998 में सरकार को 1.44 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. इस मामले में 31 मार्च 2004 को मोनिका कपूर, राजन खन्ना, राजीव खन्ना के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी, 420, 467, 468, 471 के तहत दिल्ली की साकेत कोर्ट में चार्जशीट दायर की जा चुकी थी.
20 दिसंबर 2017 को कोर्ट ने राजन खन्ना और राजीव खन्ना को दोषी करार दिया था. मोनिका कपूर इंवेस्टिग्वेशन में शामिल नहीं हो रही थी. इस वजह से 13 दिसंबर 2016 को मोनिका को कोर्ट ने प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित कर दिया था.
26 अप्रैल 2010 को कोर्ट ने मोनिका के खिलाफ NBW (non-bailable warrant) और रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के आदेश दिए. 19 अक्टूबर 2010 में सीबीआई ने मोनिका के प्रत्यर्पण के लिए यूएस की एजेंसी से रिकवेस्ट की थी.
CBI के हत्थे चढ़ी मोनिका कपूर
सभी कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद सीबीआई की टीम यूएस पहुंची और मोनिका को हिरासत में लिया. न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के यूनाइटेड स्टेट डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि (bilateral extradition treaty) के तहत मोनिका के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी.
हालांकि, मोनिका कपूर ने भी अपने बचाव के लिए प्रत्यर्पण रोकने के लिए कहा था कि भारत लौटने पर उन्हें प्रताड़ित किया जाएगा, इसीलिए उनका प्रत्यर्पण, 1998 के विदेश मामलों के सुधार और पुनर्गठन अधिनियम (FARRA) की ओर से कार्यान्वित यातना के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन का उल्लंघन होगा.
मोनिका के प्रत्यर्पण रोकने के अनुरोध को खारिज कर दिया गया. अब सीबीआई मोनिका को लेकर वापिस आ रही है. भारत आने के बाद मोनिका को कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा. फिर इस मामले का ट्रायल शुरू किया जाएगा.
नवीनतम न्यूज़ अपडेट्स के लिए Facebook, Instagram Twitter पर हमें फॉलो करें और लेटेस्ट वीडियोज के लिए हमारे YouTube चैनल को भी सब्सक्राइब करें।
Leave a Comment: