राजेश कुमार सिद्धार्थ



???? सबका   मंगल   होय ????
????आज  का   सुविचार  ????
               ⬇️
????एक  बात  हमेशा  याद रखना 
   साहब,  दर्पण   में   मुख   और 
   दुनियां में सुख होता नहीं सिर्फ 
    दिखाई देता है,-------------!

????इसलिए  रिश्ते  सबसे  बनाये 
    रखिए  लेकिन  उम्मीद  किसी
     से  मत  रखिए,-----------!!

            ????इसीलिए???? 
गीत  लिखे  भी  तो  ऐसे  कि  सुनाए ना गए,
ज़ख्म यों लफ्जों में उतारे कि दिखाए ना गए।
तेरे  कुछ  ख्वाब  जनाजे  हैं  मेरी  आंखों  में, 
वो  जनाजे  जो  कभी  घर  से उठाए ना गए।।

           ????लेकिन???? 
खनक सत्ता की सच सुनने की आदत बेच देती है,
हया  और  शर्म  सब  कुछ  सियासत बेच देती   है।
निकम्मेपन   की    बेशर्मी   आंखों    पर   चढ़    जाए,
तो   औलाद   पुरखों   की   निशानी बेच देती     है।।

          ????इसीलिए???? 
खुशबू   बेंच   देते   हैं   चमन   बेंच देते हैं, 
भाईचारा  बेंच  देते  हैं  अमन  बेंच देते हैं। 
हमसे घर की पुरानी चीज बेंची नहीं जाती, 
पता नहीं वो कैसे अपना वतन बेंच देते हैं।।

              ????क्योंकि???? 
मैं वो चिराग हूं जो आंधियों में भी रोशन था,
खुद  अपने  घर  की  हवा  ने  बुझा दिया है।
हम  सा  भी  गम- नसीब  कोई दौर में नहीं, 
हम  उसके  शहर में हैं वो शहर में नहीं  है।।

        ????इसीलिए????
दरिया  दिया और प्यासे रहे,
उम्र  भर  साथ  दिलासे  रहे।
जैसे  थे  वैसे  ना रहने दिया,
ना  सोना  बने  ना कांसे रहे।।

                                           
         आपका आज का दिन
गुरुवार तथागत की दया से मंगलमय हो।
                      ????????
                ????प्रातःवंदन????
                 राजेश कुमार सिद्धार्थ अध्यक्ष डॉ आंबेडकर संवैधानिक महासंघ

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