रायबरेली बौद्ध अनुयाइयों एंव भिक्खू संघ के नेतृत्व में चल रहे अनिश्चित कालीन क्रमिक अनशन का पांचवे दिन बौद्ध उपासक महासंघ, रायबरेली के सैकड़ों पदाधिकारियों ने किया समर्थन और दिया ज्ञापन।


 


अब तक न्याय/ धर्मेंद्र कुमार

 

    रायबरेली में बाबा साहब डॉ0 अम्बेडकर प्रतिमा स्थल पर महाबोधि महाविहार बोधगया मंदिर को अबौद्धों से मुक्त कराए जाने एंव बीटीएमसी एक्ट 1949को रदद कर पूर्ण रूप से बौद्धों को सौंपे जाने को लेकर  4 मार्च 2025 से भिक्खू संघ के नेतृत्व में चल रहे अनिश्चित कालीन क्रमिक अनशन के पांचवे दिन बौद्ध धम्म के अनुयायी एंव  रायबरेली के पदाधिकारियों ने  में भिक्खू संघ भिक्खू कमल शील,भिक्खू जितेन्द्र वर्धन , भिक्खू धम्म पाल को समर्थन कर रोष व्यक्त करते हुए उक्त मांगों को लेकर देश के महामहिम राष्ट्रपति महोदय, को सम्बोधित मांग पत्र द्वारा जिला अधिकारी महोदय रायबरेली , नायब तहसीलदार  को सौंपा ज्ञापन।क्रमिक अनशन की अध्यक्षता महासंघ के उपाध्यक्ष एम एल गौतम एंव संचालन महासचिव के आर रावत ने किया। ज्ञापन सौंपते हुए देश के महामहिम राष्ट्रपति महोदय से मांग किया कि ईoपूo तीसरी शताब्दी में महान चक्रवती सम्राट अशोक ने महाबोधि महाविहार का निर्माण किया था जो सदियों से बौद्धों द्वारा संचालित होता चला आ रहा था किन्तु सन् 1949 में सरकार के हस्तक्षेप से बीटीएमसी एक्ट (बोधगया मंदिर अधिनियम) 1949 का  गठन कर बौद्धों (बौद्ध भिक्खूओ) को वंचित कर अबौद्धों (हिन्दू ब्राह्मणों) को शामिल कर संचालित किया जा रहा हैं जो पूर्ण रूप से असंवैधानिक है,और संविधान के अनुच्छेद 25  का उल्लंघन हैं।जिसको रदद कर धार्मिक स्वतंत्रता के आधार पर बुद्ध की ज्ञान स्थली एवं बौद्धों की विरासत महाबोधि महाविहार बोधगया का प्रबंधन बौद्धों को दिया जाए जिसे बुद्धिष्ट अपने बुद्ध धम्म की पद्धति के अनुरूप संचालित कर सके। क्रमिक अनशन आन्दोलन को राधे लाल, रामनाथ, रज्जन लाल, वी पी रावत, विशेश्वर प्रसाद बौद्ध, एम पी सम्राट, बसंत लाल बौद्ध, सतगुरु प्रसाद, भारत लाल, लल्लू, सियाराम गौतम, ज्योतिप्रकाश, जय सिंह, अंजनी रावत, कर्मराज अम्बेडकर, रामफेर सिद्धार्थ, सत्यसेन, एस के सरगम, हरिकिशन मौर्य, रामदेव बौद्ध राजेन्द्र मौर्य, शैलेश कुमार मंगल प्रसाद, राजेश कन्नौजिया आदि सैकड़ों लोगों ने समर्थन किया

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