यूपी के सीतापुर जिले के पल्हापुर गांव में शुक्रवार रात को हुए नृशंस हत्याकांड में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। एक ही परिवार के छह लोगों की हत्या के मामले में अब नया खुलासा हुआ है। जिस स्कूल में अजीत पढ़ाता था, उस स्कूल के अन्य शिक्षक और स्टाफ ने कई राज खोले हैं। दरअसल, रामपुर मथुरा इलाके के पल्हापुर गांव निवासी अनुराग सिंह (45) पत्नी प्रियंका सिंह (40) और मां सावित्री (62) के अलावा तीन बच्चे बेटी अस्वी (12), अर्ना (8) और पुत्र आद्विक (4) की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी।
इनमें से कुछ को गोली लगी थी, जबकि कुछ को हथौड़े से प्रहार कर मौत के घाट उतारा गया था। शुरुआती जांच में पुलिस ने बताया कि अनुराग ने परिवार को मारने के बाद खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पूरी वारदात को बर्बरतापूर्ण हत्या की दिशा में मोड़ दिया है। अनुराग को दो गोलियां मारे जाने की पुष्टि हुई है।
अनुराग के एक गोली दाहिनी कनपटी पर मारी गई। जो कि गले को चीरते हुए दूसरी तरफ निकल गई। वहीं दूसरी गोली बाएं तरफ से मारी गई जो कि दिमाग में जाकर फंस गई। सूत्रों की मानें तो अनुराग के दिमाग में फंसी गोली 315 बोर की है। जो अवैध असलहे से चलाई गई है।
अनुराग के पोस्टमार्टम के दौरान हुए एक्सरे में गोली पाई गई। इस रिपोर्ट ने यह इशारा कर दिया है कि अनुराग की हत्या हुई है। इसके साथ ही उसकी मां सावित्री के सिर में पांच से छह चोटें आईं है। जो कि हथौड़े की होना बताई गई हैं। रिपोर्ट में यह भी निकल कर आया है कि अनुराग की दस वर्षीय बड़ी बेटी आस्वी को भी गोली मारी गई है। ऐसा माना जा रहा है जब वह लेटी थी। अथवा जब जमीन पर उसे गिराकर उसके गले में गोली मार दी गई है।

वहीं अन्य दो बच्चों अर्ना और आद्विक को सिर में चोट के निशान मिले। अर्ना की दाहिनी जांघ की हड्डी टूटी मिली थी। वहीं आद्विक के सिर में चोट लगने के साथ उसके बाईं जांघ की हड्डी टूटी मिली। वहीं अनुराग की पत्नी प्रियंका को सीने में गोली मारने के बाद हथौड़े से कूंच कर मौत के घाट उतारा गया है।

पुलिस ने मामले में अनुराग के भाई को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने हत्या की वारदात को अंजाम देना कबूल कर लिया। तफ्तीश में तथ्य उजागर हुए हैं कि संपत्ति विवाद में अनुराग, उसकी पत्नी प्रियंका व तीन मासूमों के साथ मां सावित्री की भी हत्या कर दी। पहले पुलिस ने अजीत और अन्य परिजनों के हवाले से बताया था कि शनिवार तड़के परिवार के पांच लोगों की हत्या कर अनुराग ने खुदकुशी कर ली। अनुराग को नशे का आदी और मानसिक रोगी भी बताया गया था।

हत्याकांड को अंजाम देने के लिए पहले से ही साजिश रच चुका था अजीत
अनुराग के ताऊ, छोटे भाई अजीत, उसकी पत्नी और दो नौकरों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। कुछ देर बाद अजीत टूट गया और उसने सच बयां कर दिया। भाई और मां संग छह हत्याओं का मास्टर माइंड अजीत रामपुर मथुरा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बरी जगतपुर में सहायक अध्यापक के रूप तैनात है। मंगलवार को शिक्षकों के बीच इसी हत्याकांड की चर्चा होती रही। जांच में पता चला है कि अजीत इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए पहले से ही साजिश रच चुका था।

अजीत ने शनिवार का एक दिवसीय चिकित्सीय अवकाश पहले ही स्वीकृत करवा लिया था। जबकि उसकी कोई तबीयत खराब ही नहीं थी। यह अवकाश इस बात का भी इशारा करता है कि अजीत को पता था कि शनिवार तड़के कुछ ऐसा होगा, जिस वजह से वह स्कूल नहीं जा सकेगा।

स्कूल के स्टाफ ने दबी जुबान बताया कि अजीत सिंह करीब चार साल से इस स्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात है। स्कूल में करीब 80 बच्चे पंजीकृत हैं लेकिन अजीत का मन कभी भी शिक्षण कार्य में नहीं लगता था।
बीते दो महीने से वह फोन पर लंबी-लंबी बातें करने लगा था। सूत्रों की मानें तो अजीत के साथ काम करने वाले उसके व्यवहार को अजीब मानने लगे थे। स्कूल में अजीत अपने किसी करीबी से फोन पर बात करते समय अनुराग की संपन्नता की चर्चा कर अपनी तुलना भी किया करता था।

उसे अक्सर अनुराग के बच्चों का लखनऊ स्थित एक बड़े प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई करना भी खलता था। मां सावित्री का अनुराग के प्रति झुकाव उसे अखरता था। यही वजह रही कि अनुराग, सावित्री और प्रियंका के अलावा तीनों बच्चों की बबर्रतापूर्ण ढंग से हत्या की गई।

निलंबन की संस्तुति करेंगे एबीएसए
अजीत बरी जगतपुर के प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात है। शनिवार के लिए ऑनलाइन एक दिवसीय चिकित्सीय अवकाश लिया था। 14 मई को वह बिना सूचना के गैरहाजिर रहा। अखबार के माध्यम से पल्हापुर हत्याकांड के बारे में पता चला। उसे निलंबित करने की संस्तुति कर रिपोर्ट जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजी जा रही है। -उदयमणि पटेल, खंड शिक्षा अधिकारी
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