चीन में इस समय उथल-पुथल मची हुई है. चीनी सरकार में इस समय आंतरिक कलह से जूझ रही है, जो अब जग जाहिर हो चुका है. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार पूर्व रक्षा मंत्री ली शांगफू को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी से निकाल दिया गया है. शांगफू पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोप में जांच चल रही है. पिछले लगभग दो महीने तक सार्वजनिक रूप से गायब रहने के बाद ली को अक्टूबर 2023 में पद से हटा दिया गया था.
कम्युनिस्ट पार्टी से उन्हें इसलिए निष्कासित किया गया था क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार समेत कई अन्य गंभीर आरोप लगे हुए थे. माना ये भी जा रहा है कि शिन्हुआ पर मुकदमा चलेगा और उन्हें आजीवन कारावास की सजा हो सकती है. चीन के रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि ली ने सैन्य और पार्टी अनुशासन का उल्लंघन किया है. उन्होंने रिश्वत लेकर और पक्षपात करके खुद को फायदा पहुंचाने की कोशिश की है. मंत्रालय ने कहा कि शिन्हुआ ने खुद को समृद्ध बनाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया है.
पहले भी लगे हैं कई आरोप
बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं था जब शांगफू पर कोई आरोप लगा हो. राष्ट्रपति और पार्टी नेता शी जिनपिंग के शासन में कई सैन्य नेताओं द्वारा, उनपर ऐसे आरोप लगाए गए हैं. जिनपिंग केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष के रूप में सेना के प्रमुख भी रह चुके हैं. इसके अलावा एक दशक से ज्यादा समय पहले सत्ता संभालने के बाद से भ्रष्टाचार पर नकेल कसना उनके शासन की पहचान रही है.
दो महीने रहे थे गायब
पिछले साल पद से हटाए जाने से पहले ली लगभग दो महीने तक लोगों की नज़रों से गायब रहे थे. विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनपर आरोप लगे हैं कि बाहरी ताकतों के साथ साजिश रचने या शी जिनपिंग के साथ वफादार न होने के चलते उनके खिलाफ ये कार्रवाई की गई है. उच्च पदस्थ अधिकारी चीनी राजनीति में उच्च स्थान रखते हैं और उन्हें व्यापक विशेषाधिकार प्राप्त हो सकते हैं.
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